मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन के लिए मुसहरी घाट तैयार था. पहली प्रतिमा परबत्ती की दोपहर 1:40 बजे स्टेशन चौक से गुजरी, लेकिन घाट पर रात्रि 7:30 बजे पहुंची. यहां प्रतिमा का विसर्जन करते-करते डेढ़ घंटे लग गये. रात्रि नौ बजे प्रतिमा का विसर्जन कार्य संपन्न हुआ. इसके बाद से बारी-बारी प्रतिमाएं विसर्जन के लिए पहुंचती रहीं और विसर्जित होती रही.पुलिस प्रशासन अपनी देखरेख में प्रतिमाओं को विसर्जित करा रहे थे. विसर्जन शांतिपूर्वक हो रहा था. रुक-रुक कर प्रतिमाएं पहुंच रही थीं, जिसके चलते विसर्जन में कुछ ज्यादा समय लग गया. इधर विसर्जन मार्ग में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. देर रात तक विसर्जन मार्ग व विसर्जन घाट पर लोगों की चहल-पहल बनी रही.
सबसे पीछे सत्कार क्लब, गढ़ैया व जुबक संघ की निकली प्रतिमा शोभायात्रा
दुर्गा पूजा महासमिति के तहत निकाली गयी विसर्जन शोभायात्रा में सबसे पीछे सत्कार क्लब, कचहरी, मुंदीचक गढ़ैया व जुबक संघ मारवाड़ी पाठशाला की प्रतिमा शोभायात्रा निकाली गयी. शोभायात्रा में ढाक पार्टी, लाइट एवं छोटी-बड़ी गाडियां शामिल थीं. गाजे-बाजे की धुन पर श्रद्धालु थिरक रहे थे. प्रतिमा के साथ-साथ चलने वाले श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया जा रहा था. जगह-जगह पर प्रतिमा शोभायात्रा का स्वागत किया गया. मुंदीचक गढ़ैया की शोभायात्रा का संचालन अध्यक्ष राजेश मंडल, सचिव कुमार धर्मेंद्र, सत्कार क्लब का धर्मेंद्र कुमार, अभिषेक किशोर आदि ने किया. जुबक संघ की शोभायात्रा का संचालन सचिव बबन साहा ने किया. देर रात विसर्जन घाट पर बारी-बारी से प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है