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ऑनलाइन मिलेगी खतियान की नकल

खतियान अथवा रजिस्टर वन की नकल के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है. इससे जहां एक तरफ लोगों को कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे वहीं दूसरी ओर अभिलेखागार के पास बैठे बिचौलियों से भी मुक्ति मिलेगी.

महाराजगंज. खतियान अथवा रजिस्टर वन की नकल के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है. इससे जहां एक तरफ लोगों को कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे वहीं दूसरी ओर अभिलेखागार के पास बैठे बिचौलियों से भी मुक्ति मिलेगी. बताते चलें कि आये दिन लोगों की शिकायत अधिकारियों के पास पहुंचती रहती है कि अभिलेखागार के बाहर बैठे कई बिचौलियों द्वारा एक नकल के लिए 3 से 4 हजार रुपये की वसूली की जाती है. ऐसे में ऑनलाइन नकल की व्यवस्था लोगों के लिए लाभकारी होगा. गौरतलब है कि सर्वे में मूल कागजातों की जरूरत पड़ रही है. लेकिन कई रैयतों द्वारा समय पर संबंधित दस्तावेज जमा नहीं करने के कारण सर्वे का काम करने में मुश्किल हो रही है. क्योंकि पहले अपनी जमीन के खतियान या रजिस्टर वन की नकल के लिए ऑफलाइन आवेदन करना पड़ता था. जिसे लेने में लोगों को परेशानी होती थी. नाजायज रुपये खर्च करने के बाद भी उनको नकल एक से दो माह बाद मिलता था. लेकिन अब ऑनलाइन प्रक्रिया होने के बाद लोगों को नकल आसानी से मिलेगी. विभाग के साइट पर निबंधन कर खतियान व रजिस्टर वन प्राप्त कर सकते हैं. कोई भी कर सकता है लॉगइन: खतियान व रजिस्टर वन के लिए भूमि धारक लॉगइन कर सकता है. महाराजगंज के सीओ जितेंद्र पासवान ने कहा कि कोई भी रैयत अपने स्तर से खतियान अथवा रजिस्टर वन की अभिप्रमाणित प्रति लेने के लिए विभागीय साइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. इस साइट को खोलने के बाद सरकारी और पब्लिक का ऑप्शन दिखेगा. रैयत को पब्लिक ऑप्शन पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा. 10 रुपये देना होगा प्रति कॉपी शुल्क नकल प्राप्त करने के लिए आवेदक को प्रति पेज 10 रुपये का ऑनलाइन भुगतान करना पड़ेगा. ऑनलाइन आवेदन करने के बाद कुछ ही दिनों में रैयत अपने खतियान अथवा रजिस्टर वन की डिजिटल कॉपी को देख सकेंगे.जो डाउनलोड भी होगा. विवरण के साथ करना होगा आवेदन: इस संबंध में सीओ ने बताया कि लोगों को पूर्ण विवरणी के साथ ही आवेदन करना होगा. उन्होंने कहा कि पूर्ण विवरण जैसे अंचल, थाना, मौजा, खाता, खेसरा और रैयत का नाम नहीं रहने के कारण अभिप्रमाणित कॉपी देने में कठिनाई होती है. इसलिए लोगों को ध्यान पूर्वक अपने आवेदन को भरकर भेजना होगा. उन्होंने बताया कि अभी कुछ दस्तावेजों के नकल ऑफलाइन भी दिये जा रहे हैं. सच्ची प्रतिलिपि (नकल) प्राप्त करने के लिए हर पन्ने पर राजस्व टिकट को आवेदक के द्वारा ही दिया जाना है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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