Bihar News: सीतामढ़ी जिले में अवैध शिक्षकों की बड़ी तादाद रही है. अब तक सौ से अधिक फर्जी एवं अवैध शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है. जिन शिक्षकों पर उक्त कार्रवाई की गई है, ये सभी हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद पद से इस्तीफा नहीं दिए थे. दरअसल, हाईकोर्ट का आदेश था कि फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर नियोजित शिक्षक स्वेच्छा से पद से दे देंगे, तो उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जायेगी. अन्यथा कार्रवाई होगी. जिले में अब भी न जाने कितने अवैध शिक्षक है, जो विभाग की आंखों में धूल झोंककर कार्यरत है.
पकड़ी गई शिक्षक की चालाकी
जिले के एक नियोजित शिक्षक की चालाकी निगरानी जांच टीम की नजरों से नहीं छुप सकी है. उक्त शिक्षक का नाम हितनारायण ठाकुर बताया गया है. फिलवक्त वह सुरसंड प्रखंड के मवि, राधाउर में कार्यरत है. इस शिक्षक के खिलाफ निगरानी के डीएसपी ने बथनाहा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है. बताया गया है कि वर्ष 2008 में ठाकुर की बहाली बथनाहा प्रखंड में मध्य विद्यालय, कोईली में प्रखंड शिक्षक के रूप में हुई थी. वर्ष 2012 में वह शिक्षक के पद से इस्तीफा देकर 34540 कोटि के शिक्षक के तहत किशनगंज जिला के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पहाड़कट में बहाल हो गया. बाद के वर्षों में अंतर्रजिला स्थानांतरण नीति के तहत वह सुरसंड प्रखंड के मध्य विद्यालय, राधाउर में चला आया. तब से अबतक उसी स्कूल में कार्यरत है.
प्रशिक्षण प्रमाण पत्र फर्जी निकला
बता दें कि वर्ष-17 से नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की निगरानी जांच चल रही है. निगरानी डीएसपी ने प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई, बथनाहा से शिक्षक ठाकुर के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्रों को हासिल कर जांच शुरू की थी. जांच में ठाकुर के प्रशिक्षण प्रमाण पत्र को फर्जी पाए जाने पर उसके खिलाफ बथनाहा में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. उसका प्रमाण पत्र असम का है. असम के संबंधित संस्थान ने रिपोर्ट किया है कि यह उनके यहां से निर्गत नहीं है. गौरतलब है कि उक्त शिक्षक सुरसंड प्रखंड के सहनियापट्टी गांव का रहने वाला है.