Electricity Rate: बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिहार में बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर बिजली कंपनियों के दावों को खारिज कर दिया है. बिजली कंपनी की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के बाद आयोग के अध्यक्ष आमिर सुबहानी, सदस्य अरुण कुमार सिन्हा और पीएस यादव की पीठ ने कंपनी की ओर से उठाए गए बिंदुओं का समाधान करते हुए साफ तौर पर कहा है कि उनके किसी भी दावे का असर एक अप्रैल 2024 से बिहार में लागू बिजली दरों पर नहीं पड़ेगा. इसके साथ ही आयोग ने कंपनी के खर्च और आय को भी दुरुस्त किया है.
कंपनी ने 17 बिंदुओं पर उठाए थे सवाल
मालूम हो कि बिजली कंपनी ने आयोग द्वारा 2024-25 के बिजली दर को लेकर सुनाये गये फैसले पर आपत्ति जताते हुए पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. इसमें कंपनी ने 17 बिंदुओं पर सवाल उठाते हुए कहा था कि आयोग ने पैसों का हिसाब सही तरीके से नहीं किया है. खासकर कंपनी की आमदनी, खर्च और बिजली की खरीद मूल्य का जोड़ सही तरीके से नहीं किया गया. अगर सही तरीके से मूल्यांकन हो तो बिहार में बिजली दर में वृद्धि की आवश्यकता है.
आयोग ने कंपनी की सभी दलीलों को सुना
कंपनी ने वितरण व तकनीकी नुकसान का सही तरीके से मूल्यांकन नहीं होने और बाजार से अधिक दाम पर बिजली की खरीद का भी सही तरीके से मूल्यांकन नहीं होने का मामला उठाया था. आयोग ने कंपनी की सभी दलीलों को सुना. साथ ही कंपनी की आमदनी के पैसों के जोड़ को सही किया. साथ ही कुछ टंकण भूल भी दुरुस्त किया गया.
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आयोग ने खारिज कर दी याचिका
इसके साथ ही आयोग ने कंपनी की ओर से बिजली दर में वृद्धि के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया. मालूम हो कि मार्च 2024 में विनियामक आयोग ने फैसला सुनाते हुए बिजली दर में वृद्धि के बदले 15 पैसे प्रति यूनिट की कमी कर दी थी.