Darbhanga News: दरभंगा. नगर थाना के पीछे स्थित खानकाह फैसखाना, पक्की हवेली में चार दिवसीय गौश उल बरा कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन मंगलवार को मोतबल्ली मो. आरजू की कयादत में सुबह 10 बजे से कुरआन पाक की तिलावत के साथ कार्यक्रम शुरु हुआ, जो जोहर की नमाज से पहले तक चला. दुआ के बाद लोगों के बीच लंगर बांटे गए. मौके पर अलहाज कारी व मौलाना अब्दुल अल्लाम मिस्बाही ने तकरीर पेश की. कहा कि अल्लाह ताला ने हमारे गौश पाक आला मकाम अता किया है. इस तरह से समझा जा सकता है कि जिसकी जैसी मेहनत होगी, अल्लाह उसे वैसे ही तोहफे से नवाजते हैं. अल्लाह के बताए गए रास्तों पर चलकर ही हम अल्लाह को राजी कर सकते हैं. कहा कि हमें झूठ और गुनाहों से तौबा करनी चाहिए. मौलाना मो. सोहैल ने कहा कि हमें हमेशा सच बोलने और ईमान पर रहते हुए जिंदगी गुजारनी चाहिए. अल्हाज मौलाना अब्दुल अल्लाम मिस्वाही, अल्हाज हाफिज अजमेरी, मौलाना वारिस अली, हाफिज मौलाना अरमान मोबारकी, मौलाना मो. सोहैल ने भी कलाम व तकरीर पेश की. गुलाम अहमद रजा नेपाली ने नातिया कलाम सुनाया- दस्ते आलम में मोहब्बत की घटा छायी है या रसूलल्लाह आप आये तो जमाने में बहार आयी है. हाफिज आफताब आलम ने भी कलाम पेश किया. नातिया कलाम सुनाने वाले शायरों में हाफिज आफताब आलम, मौलाना इरफान नेपाली, मौलाना अहमद रजा नेपाली, हाफिज फारुख रजा दरभंगवी आदि शामिल थे. 16 और 17 अक्तूबर को मुए मोबारक व पाए मोबारक की जेयारत तथा दुआ के बाद कार्यक्रम का समापन हो जाएगा. मौके पर मो. जहीर, मो. सुरखाब, मो. आरजू, तारीक अनवर, मो. जफिर, मो. शाहिद, मो. तनवीर, मो. अफरोज, मो. साबिर, मो. रेयाज, मो. अफरोज, मो. फारुक, मो. जहीर आदि मौजूद रहे. संचालन हाफिज आफताब आलम ने किया.
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