23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार के बच्चे अब स्कूलों में नहीं होंगे टॉर्चर, बनेगी एंटी चाइल्ड बुलिंग कमेटी, जानें कैसे करेगी काम

Bihar News: बिहार में कॉलेजों में एंटी रैगिंग कमेटी की तरह अब स्कूलों में एंटी चाइल्ड बुलिंग कमेटी बनाई जाएगी. इस कमेटी के मध्यम से बच्चे विभिन्न तरह की प्रताड़ना से बचेंगे. इसके लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पॉक्सो एक्ट के तहत सभी स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी किया है.

Bihar News: बिहार में कॉलेजों में एंटी रैगिंग कमेटी की तरह अब स्कूलों में एंटी चाइल्ड बुलिंग कमेटी बनाई जाएगी. इस कमेटी के मध्यम से बच्चे विभिन्न तरह की प्रताड़ना से बचेंगे. इसके लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पॉक्सो एक्ट के तहत सभी स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी किया है. राज्य के सभी स्कूलों को इसी वर्ष कमेटी बनानी है जो तीन स्तरों पर काम करेगी.

पहला, नैतिक मूल्य बताना, दूसरा, अन्य बच्चों के साथ व्यवहार का तरीका सिखाना और तीसरा, बुलिंग करने पर सजा की जानकारी देना. बुलिंग करने वाले बच्चों को सजा के तौर पर सेक्सन बदलना, डांटना, अभिभावक से शिकायत करना आदि अधिकार कमेटी के पास रहेगा.

स्कूलों में 70 फीसदी किशोर बुलिंग के शिकार

राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में एंटी बुलिंग सेल के गठन के बाद इसकी जानकारी राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को देनी है. जिसकी रिपोर्ट राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भेजी जाएगी. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की मानें तो स्कूलों में 70 फीसदी किशोर बुलिंग के शिकार होते हैं. जिसका असर उनकी जीवनशैली के साथ शैक्षणिक माहौल पर होता है. वो डरे सहमे रहते हैं.

Also Read: घाटे में डूबा भारत का सबसे बड़ा ग्रामीण बैंक, अब इस बैंक से होगा विलय!

क्या होता है चाइल्ड बुलिंग? (What is child bullying?)

किसी कमजोर बच्चे पर धौंस जमाना, डराना, मारना, धमकाना या किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने को चाइल्ड बुलिंग कहा जाता है. आए दिन बच्चे इसके शिकार होते हैं. अक्सर देखा जाता है कि कुछ बच्चे आपस में ग्रुप बनाकर किसी एक बच्चे को टारगेट कर उसे परेशान किया करते हैं. उसके साथ मारपीट करते है, गाली देते हैं या फिर उसे गंदी बातें बोल कर चिढ़ाते हैं. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पहल पर अब ऐसी घटनाओं पर विराम लगाया जाएगा. बच्चे बेहतर माहौल में अपनी पढ़ाई करेंगें.

ऐसे काम करेगी कमेटी

  • कमेटी में प्राचार्य व दो वरीय शिक्षक और दो अभिभावक होंगे
  • शिकायत नहीं आने पर भी स्कूल खुद संज्ञान ले सकता है
  • पहले दोनों पक्षों की बातें सुनी जाएगी, बुलिंग का स्तर देखा जाएगा
  • सजा देने से पहले संबंधित बच्चे के अभिभावक को सूचना दी जाएगी

ये वीडियो भी देखें

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें