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कैंपस : धातु रहित ग्रेफीन से शुद्ध किये पानी से बीमारियों से होगा बचाव : प्रो सुन

धातु रहित ग्रेफीन का उपयोग कर जल शुद्धिकरण की दिशा में इंकलाब लाया जा सकता है. इससे मानव जीवन को अनेक गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है.

-टीपीएस कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन

संवाददाता, पटना

धातु रहित ग्रेफीन का उपयोग कर जल शुद्धिकरण की दिशा में इंकलाब लाया जा सकता है. इससे मानव जीवन को अनेक गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है. ये बातें गुरुवार को टीपीएस कॉलेज पटना में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के प्रो होंग की सुन ने कहीं. उन्होंने कहा रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान के लिए हमें नये तरीकों और तकनीकों का विकास करना होगा, ताकि पर्यावरण को शुद्ध किया जा सके. ‘पर्यावरण शुद्धिकरण और मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव के लिए पदार्थ निर्माण में नये दृष्टिकोण’ विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में विशेषज्ञों ने पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के बीच संबंध को समझने और नये पदार्थों के निर्माण पर चर्चा की. कार्यक्रम की अध्यक्षता पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आरके सिंह ने की. बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो गिरीश कुमार चौधरी ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि अगर हमें पर्यावरण को बचाना है, तो हमें अपनी आदतों में बदलाव लाना होगा. यह सम्मेलन विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देगा और हमें पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का समाधान करने में मदद करेगा. इस अवसर पर स्मारिका के आलावे डॉ शशि प्रभा दुबे, डॉ श्यामल किशोर और डॉ अबू बकर रिजवी द्वारा लिखित तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया गया. महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो उपेंद्र प्रसाद सिंह ने स्वागत भाषण दिया.

आज प्रो एचसी वर्मा कार्यक्रम को करेंगे संबोधित

दूसरे सत्र में प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो बिहारी सिंह ने की, जबकि सह-अध्यक्षता प्रो ललन कुमार ने की. दूसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ तृप्ति गंगवार ने की, जबकि सह-अध्यक्षता डॉ भरत ने की. इन तकनीकी सत्रों में देश भर के ख्यातिलब्ध फैकल्टी सदस्यों और शोध छात्रों ने तकनीकी सत्रों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये. इन सत्रों में रसायन विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई, जिनमें स्वच्छ ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे शामिल थे. कार्यक्रम की समन्वयक डॉ शशि प्रभा दुबे ने बताया कि सम्मेलन में देश-भर से लगभग 70 प्रतिनिधि एवं विदेश से पांच वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं. सम्मेलन के दूसरे दिन प्रो एचसी वर्मा सत्र को संबोधित करेंगे. उद्घाटन समारोह में मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्विद्यालय के कुलपति प्रो मो आलमगीर, उच्च शिक्षा विभाग की निदेशिका प्रो रेखा कुमारी, विभिन्न महाविद्यालय के प्राचार्य और विद्वानों के साथ ही बड़ी संख्या में शोधकर्ताओं की उपस्थिति रही. उद्घाटन समारोह में डॉ अबु बकर रिजवी ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि महाविद्यालय द्वारा पहली बार इतने बड़े स्तर पर सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है.

प्रो श्यामल किशोर के पुस्तक का हुआ विमोचन

कार्यक्रम में पटना यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक डॉ श्यामल द्वारा संपादित पुस्तक ‘लिव इन रिलेशनशिप’: अनुप्रयुक्त दर्शन का आयाम’ मोतीलाल बनारसी दास द्वारा प्रकाशित का विमोचन किया गया. पुस्तक का विमोचन प्रो गिरीश कुमार चौधरी, प्रो आरके सिंह, प्राचार्य प्रो उपेंद्र प्रसाद सिंह एवं देश-विदेश से आये हुए वैज्ञानिक एवं विद्वानों ने किया.

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