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मोतिहारी में 15 हजार 403 हेक्टेयर फसल की क्षति

जिले में सितंबर माह में हुई बारिश और नेपाली नदियों के जल स्तर में बढ़ोतरी ने पूर्वी चंपारण के 11 प्रखंडों के 95 पंचायतों में भारी तबाही मचायी है.

मोतिहारी.जिले में सितंबर माह में हुई बारिश और नेपाली नदियों के जल स्तर में बढ़ोतरी ने पूर्वी चंपारण के 11 प्रखंडों के 95 पंचायतों में भारी तबाही मचायी है. इन प्रखंडों में बाढ़ से धान, गन्ना, सब्जी सहित अन्य फसलों को काफी नुकसान हुआ है. कृषि विभाग के आंकड़ा के अनुसार 11 प्रखंडों का 47 हजार 204 हेक्टेयर क्षेत्र जलमग्न है. इन प्रखंडों में बाढ़ से करीब 15 हजार 295 हेक्टेयर में धान के अलावे 108 हेक्टेयर में गन्ना सहित करीब 15 हजार 403 हेक्टेयर में लगी फसल के क्षति हुई है. प्रभावित 11 प्रखंडों में रामगढ़वा, पताही, अरेराज, मोतिहारी, सुगौली, ढ़ाका, चिरैया, बंजरिया, छौड़ादानों, संग्रामपुर व आदापुर के 95 पंचायतों के किसानों की खरीफ फसल को नुकसान हुआ है. इन पंचायत के किसानों को कृषि इनपुट अनुदान देने की प्रक्रिया तेज हो गयी है. विभागीय निर्देश के आलोक में कृषि इनपुट अनुदान के आवेदन को 48 घंटे के भीतर कृषि को-ऑडिनेटर को जांच कर रिर्पोट करने का निर्देश है. बहुवर्षीय फसल के लिए 22500 प्रति हेक्टेयर का अनुदान जिले के जिन पंचायत व ग्राम को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है, वहां के किसान विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर रहे है. किसानों को कृषि इनपुट इनपुट अनुदान योजना के तहत लाभ की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे खाते में भेजी जाती है. किसानों को असिंचित फसल क्षेत्र के लिए 8500 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित क्षेत्र के लिए 17 हजार प्रति हेक्टेयर व बहुवर्षीय फसल के लिए 22 हजार पांच सौ रुपये प्रति हेक्टेयर देय होगा.

रैयत व गैर रैयत प्रति किसान अधिकतम दो हेक्टेयर का लाभ

कृषि इनपुट अनुदान योजना का लाभ बाढ़ प्रभावित रैयत व गैर रैयत दोनों किसानों को मिलेगा. किसान को कृषि विभाग से पंजीकृत होना जरूरी है. योजना प्रावधान के मुताबिक प्रति किसान को अधिकतम दो हेक्टेयर का इनपुट अनुदान का लाभ मिलना है. किसान को अपना 13 अंकों का किसान पंजीकरण संख्या देना अनिवार्य है. तभी कृषि इनपुट के लिए ऑन आवेदन हो सकेगा.

करीब तीन हजार पांच किसानों ने किया आवेदन

जिले के बाढ़ घोषित पंचायत के करीब तीन हजार पांच किसानों ने कृषि इनपुट अनुदान के लिए ऑन लाइन आवेदन किया है. इनपुट अनुदान में किसी तरह की गड़बड़ी नही हो इसको ले कृषि समन्वयक, बीएओ, डीएओ व एडीएम सहित चार स्तर पर जांच कर रिर्पोट भेजने को ले काम चल रहा है. इनमें गुरूवार तक डीएओ लॉगिंग से करीब 319 आवेदन जांच के उपरांत आगे फॉरवार्ड किया जा चुका है. शेष आवेदनों विभिन्न जांच पदाधिकारियों के स्तर पर जांच प्रक्रियाधीन है.

कहते हैं अधिकारी

कृषि इनपुट अनुदान आवेदन को प्राथमिकता से जांच कर डिस्पोजल का निर्देश है. किसी भी स्तर पर आवेदन को लंबित नहीं रखना है. इसकी प्रतिदिन जिला स्तर से मॉनीटरिंग हो रही है. 18 अक्तूबर तक एक हजार आवेदन जांच कर डिस्पोजल करने का टारगेट है. संभवत कल से किसानों के खाता में इनपुट अनुदान की राशि आना शुरू हो जायेगा.

मनीष कुमार सिंह, डीएओ, पूर्वी चंपारण

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