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Jharkhand Assembly Election: इन 4 विधानसभा सीटों पर हर बार बदलते रहे हैं चेहरे, क्या इस बार बदलेगा समीकरण?

Jharkhand Assembly Election: झारखंड की चार ऐसी सीटें हैं जहां हर बार चेहरे बदलते रहे हैं. ये सीटें हैं लोहरदगा, सिमरिया, महगामा और टुंडी. इन सीटों पर किसी को भी लगातार दो बार जीतने का मौका नहीं मिला है.

Jharkhand Assembly Election, रांची : झारखंड में चार ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां चुनावी परिणाम अक्सर बदलते रहते हैं. इन सीटों से किसी भी उम्मीदवार को लगातार दो बार जीतने का मौका नहीं मिला है. इन सीटों पर हर चुनाव में मतदाताओं का रुझान बदलता रहता है. इनमें लोहरदगा, सिमरिया, महगामा और टुंडी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं.

सिमरिया में लगातार बदलते रहे हैं विधायक

वर्ष 2000 से सिमरिया में लगातार विधायक बदलते रहे हैं. वहीं, लोहरदगा सीट की बात करें, तो यहां आजसू के कमल किशोर भगत को लगातार दो बार चुनाव जीतने का मौका मिला, लेकिन दूसरे कार्यकाल में इनकी सदस्यता चली गयी. इसके बाद से हर बार नया विधायक देखने को मिल रहा है. वहीं, महगामा सीट पर 2005 के बाद से कोई भी लगातार दो बार चुनाव नहीं जीत पाया है. टुंडी सीट पर 2009 से यही स्थिति बनी हुई है. ऐसी सीटें झारखंड की राजनीति में एक खास भूमिका निभाती हैं, क्योंकि यहां के अनिश्चित परिणाम अक्सर राज्य की सत्ता के समीकरण बदल सकते हैं.

ऐसी सीटों से बदल सकता है सत्ता का समीकरण

सिमरिया विधानसभा

वर्ष 2000 से सिमरिया विधानसभा सीट पर भी किसी विधायक को लगातार दूसरी बार जीतने का मौका नहीं मिला है. यह सीट झारखंड के सबसे अस्थिर सीटों में से एक मानी जाती है. वर्ष 2000 में राजद के टिकट से योगेंद्र नाथ बैठा चुनाव जीते थे. 2005 में भाजपा के उपेंद्र दास जीते. इसके बाद वर्ष 2009 व 2014 में झामुमो के टिकट से जय प्रकाश सिंह भोक्ता व गणेश गंझू चुनाव जीते. 2019 में भाजपा के किशुन कुमार दास ने इस सीट से जीत हासिल की.

वर्ष विधायक पार्टी
2000 योगेंद्र नाथ बैठा राजद
2005 उपेंद्रनाथ दास भाजपा
2009 जय प्रकाश सिंह भोक्ता झामुमो
2014 गणेश गंझू झामुमो
2019 किशुन कुमार दास भाजपा

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लोहरदगा विधानसभा

लो हरदगा से 2009 व 2014 में कमल किशोर भगत चुनाव जीते. लेकिन, 2015 में एक मामले में दो वर्ष से अधिक की सजा होने पर इनकी सदस्यता चली गयी. वर्ष 2000 में भाजपा के साधु भगत जीते. वहीं, 2005 में कांग्रेस के सुखदेव भगत जीते. 2009 में आजसू के टिकट से कमल किशोर जीते. इसके बाद उप चुनाव में कांग्रेस के सुखदेव भगत जीते. 2019 में कांग्रेस के रामेश्वर उरांव ने भाजपा के टिकट से चुनाव लड़े सुखदेव भगत को हरा कर विजय हासिल की.

वर्ष विधायक पार्टी
2000 साधु भगत भाजपा
2005 सुखदेव भगत कांग्रेस
2009 कमल किशोर भगत आजसू
2014 कमल किशोर भगत आजसू
2015 सुखदेव भगत कांग्रेस
2019 रामेश्वर उरांव कांग्रेस

टुंडी विधानसभा

ध नबाद जिला की टुंडी विधानसभा सीट पर किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है. यहां पर पिछले तीन चुनावों से हर बार अलग-अलग विधायक चुने जाते रहे हैं, जिससे यह सीट अस्थिर बनी रहती है. वर्ष 2009 में मथुरा महतो झामुमो से चुनाव जीते. इसके बाद 2014 में आजसू के टिकट से राजकिशोर महतो विधायक बने. वहीं, 2019 के चुनाव में फिर से झामुमो के मथुरा महतो ने जीत दर्ज की.

वर्ष विधायक पार्टी
2009 मथुरा महतो झामुमो
2014 राज किशोर महतो आजसू
2019 मथुरा महतो झामुमो

महगामा विधानसभा

गो ड्डा जिला की महगामा विधानसभा सीट पर भी वर्ष 2005 से चुनाव परिणाम हर बार बदलते रहते हैं. यहां के मतदाता हर चुनाव में नया प्रतिनिधि चुनते हैं. वर्ष 2005 में भाजपा के अशोक कुमार चुनाव जीते. वहीं, 2009 में कांग्रेस के राजेश रंजन, 2014 में भाजपा के अशोक कुमार व 2019 में कांग्रेस की दीपिका पांडेय सिंह को यहां के मतदाताओं ने विधायक बनाने का काम किया.

वर्ष विधायक पार्टी
2005 अशोक कुमार भाजपा
2009 राजेश रंजन कांग्रेस
2014 अशोक कुमार भाजपा
2019 दीपिका पांडेय सिंह कांग्रेस

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