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बकाया वेतन को लेकर आज से जिले भर में ठहर जायेगा 102 एंबुलेंस का पहिया

आश्वासन के बावजूद तीन महीने का बकाया वेतन नहीं मिलने से आक्रोशित जिले में कार्यरत 102 एंबुलेंस के कर्मी आज से हड़ताल पर चले जायेंगे.

भभुआ सदर. आश्वासन के बावजूद तीन महीने का बकाया वेतन नहीं मिलने से आक्रोशित जिले में कार्यरत 102 एंबुलेंस के कर्मी आज से हड़ताल पर चले जायेंगे. कर्मियों के हड़ताल पर जाने से एंबुलेंस का पहिया आज से थम जायेगा, जिससे सबसे अधिक परेशानी मरीजों को होगी. बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ से संबद्ध 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के जिला सचिव विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि हम सभी 102 एंबुलेंस कर्मी सातों दिन और 24 घंटे स्वास्थ्य विभाग के साथ सेवा देने का काम कर रहे है. लेकिन, एंबुलेंस कर्मियों को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण भुखमरी की समस्या उत्पन्न होने लगी है. एंबुलेंस कर्मी पिछले सितंबर महीने में ही बकाया वेतन को लेकर हड़ताल पर जानेवाले थे, लेकिन दशहरा से पहले बकाया वेतन देने का आश्वासन मिलने पर उनलोगों द्वारा हड़ताल स्थगित कर दिया गया था. लेकिन, दशहरा भी बीत गया लेकिन उन्हें बकाया वेतन नहीं दिया गया. इसके चलते सभी एंबुलेंस कर्मी पुनः हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य हो गये है. उन्होंने बताया कि एक जून से उन लोगों का वेतन बकाया है. उनकी मांग है कि जल्द से जल्द उन लोगों को चार महीने का वेतन दिया जाये. इसके अलावा दो अप्रैल 2024 से अबतक ईपीएफ और एसआई जमा नहीं की गयी है, जिसे अविलंब जमा करने, अप्रैल 2024 से श्रम अधिनियम के तहत वेतन भुगतान करने और नयी एजेंसी में समायोजन करने की मांग है. इसके अलावा हैंडओवर लेने के 48 घंटे के अंदर कर्मियों को एंबुलेंस उपलब्ध कराने और मृत ईएमटी नागेंद्र कुमार का बकाया तीन माह का वेतन देने व पीएफ में काटी गयी राशि को अविलंब जारी करने की प्रमुख मांगें हैं, अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो एंबुलेंस कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे. हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ेगा असर जिले के तमाम सरकारी अस्पतालों में आज से 102 एंबुलेंस सेवा ठप हो जाने से मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ेगी. इनमें खासकर प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं व दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल रेफर रोगियों को भारी फजीहत झेलनी पड़ सकती है. क्योंकि, एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक गंभीर रोगियों को लाने व ले जाने में सरकारी एंबुलेंस ही सहारा हैं. इसके अलावा एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर जाने से प्रसव पीड़िता व सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल रोगियों को निजी एंबुलेंस वाहन का सहारा लेना पड़ेगा. जिले भर एक साथ एंबुलेंस सेवा ठप हो जाने से खासकर गरीब तबके के लोगों की परेशानी काफी बढ़ जायेगी. शहर और निजी क्लिनिक के मरीज तो प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा ले लेंगे, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इसका काफी असर पड़ेगा.

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