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Giridih News: कांग्रेस व भाजपा ने चार-चार बार हासिल की है जीत

Giridih News:जमुआ विधानसभा क्षेत्र जिले का एकमात्र एससी के लिए आरक्षित सीट है. जमुआ विधानसभा जब वर्ष 1951 में अस्तित्व में आया, तब यह सामान्य सीट था. शुरुआत से लेकर अभी तक इस सीट पर कांग्रेस वव भाजपा ने चार-चार बार जीत हासिल की है.

फ्लैश बैक : जमुआ विधानसभा क्षेत्र

दो बार सीपीआई प्रत्याशी ने भी दर्ज की है जीत

जमुआ विधानसभा क्षेत्र जिले का एकमात्र एससी के लिए आरक्षित सीट है. जमुआ विधानसभा जब वर्ष 1951 में अस्तित्व में आया, तब यह सामान्य सीट था. शुरुआत से लेकर अभी तक इस सीट पर कांग्रेस वव भाजपा ने चार-चार बार जीत हासिल की है. वहीं, सीपीआई ने दो बार परचम लहराया है. वर्ष 1952 में जमुआ विस क्षेत्र में पहली बार चुनाव हुआ. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सदानंद प्रसाद ने जीत हासिल की. उन्हें 22 हजार 485 वोट प्राप्त हुआ था. वहीं दूसरे स्थान पर आइएनसी प्रत्याशी किशन राम दास को 15 हजार 666 वोट मिले. वर्ष 1957 में सीएनपीएसपीजेपी प्रत्याशी इंद्र नारायण सिंह 9800 वोट लाकर विजयी रहे थे. वहीं, दूसरे नंबर पर रहने वाले कांग्रेस के सदानंद प्रसाद को 5608 वोट प्राप्त हुआ था. वर्ष 1962 में एसडब्ल्यूए के प्रत्याशी इंद्र नारायण सिंह विजयी हुए. उन्हें 9687 मिला था. वहीं दूसरे स्थान पर रहने वाले कांग्रेस प्रत्याशी अर्जुन प्रसाद सिंह को 5860 वोट मिले. वर्ष 1967 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सदानंद प्रसाद ने 18 हजार 989 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की. दूसरे नंबर पर बीजेएस प्रत्याशी आरएलपी वर्मा को 7205 वोट मिला. वर्ष 1969 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सदानंद प्रसाद 11 हजार 738 वोट लाकर पुन: जीत हासिल की, जबकि दूसरे स्थान पर बीजेएस प्रत्याशी रीतलाल प्रसाद वर्मा को 9919 वोट मिले था. वर्ष 1972 में बीजेएस प्रत्याशी रीतलाल प्रसाद वर्मा 15 हजार 419 वोट लाकर विजयी हुए. कांग्रेस के एस प्रसाद को 11 हजार 947 वोट मिला था.

वर्ष 1977 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई सीट

वर्ष 1977 से जमुआ विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गयी. इसी वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी के प्रत्याशी सुकर रविदास 23 हजार 178 वोट लाकर विजयी हुए. वहीं, दूसरे स्थान पर रहने वाले कांग्रेस के तानेश्वर आजाद को 6875 वोट प्राप्त हुआ. वर्ष 1980 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी तानेश्वर आजाद ने 18 हजार 247 लाकर विजयी रहे. दूसरे स्थान पर 16 हजार 239 वोट लाकर सीपीआई के बलदेव हाजरा रहे. वर्ष 1985 के विस चुनाव में सीपीआई के प्रत्याशी ने 37 हजार 027 वोट लाकर विजयी हुए. वहीं, कांग्रेस के तानेश्वर आजाद को 18 हजार 535 वोट मिला था. वर्ष 1990 के चुनाव में सीपीआई के प्रत्याशी बलदेव हाजरा 36 हजार 927 वोट लाकर विजयी हुए. वहीं, भाजपा प्रत्याशी सुकर रविदास को 27 हजार 254 वोट मिला था. वर्ष 1995 में भाजपा प्रत्याशी सुकर रविदास ने 51 हजार 357 वोट लाकर सीपीआई के प्रत्याशी बलदेव हाजरा को हराया. बलदेव हाजरा को 33 हजार 421 वोट मिले. वर्ष 2000 के चुनाव में राजद की टिकट से चुनाव लड़ने वाले बलेदव हाजरा 60 हजार 838 वोट लाकर विजयी हुए. दूसरे स्थान पर भाजपा के सुकर रविदास रहे, जिन्हें 28 हजार 105 वोट मिला था. वर्ष 2005 के विस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी केदार हाजरा ने जीत हासिल की, उन्हें 49 हजार 336 वोट मिले. वहीं, झामुमो प्रत्याशी चंद्रिका महथा 44 हजार 202 वोट मिला. वर्ष 2009 के चुनाव में झाविमो प्रत्याशी चंद्रिका महथा 42 हजार 824 वोट लाकर विजयी रहे, जबकि सीपीआइएमएल प्रत्याशी सत्यनारायण दास दूसरे स्थान पर रहे. उन्हें 24 हजार 297 वोट प्राप्त हुए. वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी केदार हाजरा 56027 वोट लाकर जीत हासिल की. झाविमो प्रत्याशी सत्यनारायण दास 32 हजार 927 वोट मिले. वर्ष 2019 में पुन: भाजपा प्रत्याशी केदार हाजरा जीत हासिल की. उन्हें 58 हजार 468 वोट मिला, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मंजू कुमारी 40 हजार 293 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रही.

स्वास्थ्य व्यवस्था व सिंचाई बड़ी समस्या

जमुआ विधानसभा क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था व सिंचाई बड़ी समस्या है. इन समस्याओं का सामना यहां के लोगों को करना पड़ता है. बेहतर चिकित्सा व्यवस्था की कमी के कारण मरीजों को कठिनाई होती है. यहां के मरीजों को गिरिडीह व रांची रेफर किया जाता है. क्षेत्र में सिंचाई संसाधनों की स्थिति भी काफी लचर है. इसके कारण किसानों को सालों भर खेती करने में परेशानी होती है. उच्च शिक्षा की व्यवस्था की कमी के कारण छात्र-छात्राओं को परेशानी होती है. कई ग्रामीण छात्राएं बीच में ही पढ़ाई छोड़ देतीं हैं. चुनावों में यह जनमुद्दा बनता रहा है.

वर्ष – विजयी प्रत्याशी – दल

1. 1952 – सदानंद प्रसाद – कांग्रेस2. 1957 – इंद्र नारायण सिंह – सीएनपीएसपीजेपी

3. 1962 – इंद्र नारायण सिंह – एसडब्ल्यूए

4. 1967 – सदानंद प्रसाद – कांग्रेस

5. 1969 – सदानंद प्रसाद – कांग्रेस6. 1972 – रीतलाल प्रसाद वर्मा – बीजेएस

7. 1977 – सुकर रविदास – जेएनपी

8. 1980 – तानेश्वर आजाद – कांग्रेस

9. 1985 – बालदेव हाजरा – सीपीआई10. 1990 – बालदेव हाजरा – सीपीआई

11. 1995 – सुकर रविदास – भाजपा12. 2000 – बालदेव हाजरा – राजद

13. 2005 – केदार हाजरा – भाजपा14. 2009 – चंद्रिका महथा – जेवीएम

15. 2014 – केदार हाजरा – भाजपा16. 2019 – केदार हाजरा – भाजपा

(सूरज सिन्हा, गिरिडीह)

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