संवाददाता, पटना राज्य में पहले और दूसरे चरण में आयी बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने केंद्रीय टीम 20 अक्तूबर को पटना पहुंचेगी. गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पार्थसारथी की अध्यक्षता में सात सदस्यीय केंद्रीय टीम 20 अक्तूबर को बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरान करने बिहार पहुंचेगी. दो दिनों के दौरे के बाद 22 अक्तूबर को राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक होगी. राज्य सरकार का पक्ष जानने के बाद केंद्रीय टीम वापस लौट केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी. राज्य सरकार ने 3638.58 करोड़ रुपये की क्षति सहायता की मांग केंद्र सरकार से की है. यह जानकारी आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री संतोष सुमन ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दी. मंत्री ने कहा कि बिहार में दो चरण में बाढ़ आने से लगभग 30 जिले प्रभावित हुए हैं. बिहार सरकार ने बाढ़पीड़ित लोगों पर 605 करोड़ खर्च और फसल क्षतिपूर्ति के लिए 491 करोड़ रुपया दिया है. सभी बाढ़पीड़ितों को सात हजार रुपये के हिसाब से सहायता राशि दी गयी है. वहीं, बाढ़ग्रस्त इलाकों में मकान व पशुओं सहित अन्य क्षतिपूर्ति का आकलन किया जा रहा है. मुख्यमंत्री का साफ कहना है कि बिहार के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है. बाढ़ग्रस्त जिलों में 81 लाख से अधिक लोगों को भोजन कराया गया. संबंधित विभागों के अधिकारियों और जिलाधिकारी के सहयोग से बाढ़ में फंसे लोगों तक राहत पहुंचायी गयी और उन्हें बाढ़ग्रस्त इलाकों से रेस्क्यू करके निकाला गया. जिलों में 1294 से अधिक रसोई का संचालन किया और हेलीकॉप्टर से भी सूखा राशन गिराया गया, ताकि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं हो. बिहार में शराब कारोबार का चेन जल्द टूटेगा और अपराधी नहीं बचेंगे : मंत्री मंत्री संतोष सुमन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि बिहार में सीवान, गोपालगंज, छपरा में बाॅर्डर इलाकों से कुछ आपराधिक छवि के लोग शराब का कारोबार कर रहे हैं. सरकार जल्द ही शराब कारोबार के चेन को तोड़ेगी. मुख्यमंत्री ने पुलिस-प्रशासन को शराब का कारोबार करने वालों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. बिहार में जिस तरह से शराब की तस्करी बढ़ी है और बेची जा रही है. ऐसे में लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है,ताकि लोग चाेरी-छुपे शराब का सेवन नहीं करें. पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि शराबबंदी कानून लागू करते समय विपक्ष के भी नेताओं ने हाथ उठा कर समर्थन किया था. अब बेकार में हल्ला करते रहते हैं. शराब बंदी कानून बिहार में सफल है.
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