Jammu And Kashmir: उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य का मूल दर्जा बहाल कराने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई. उपराज्यपाल ने मंत्रिमंडल के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. राज्य का दर्जा बहाल करना सुधार प्रक्रिया की एक शुरुआत होगी, जिससे संवैधानिक अधिकार पुन: बहाल होंगे तथा जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान की रक्षा होगी.
एलजी से मंजूरी मिलने के बाद गेंद केंद्र सरकार के पाले में
मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री को राज्य का दर्जा बहाल कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के समक्ष मामला उठाने के लिए अधिकृत किया है. प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की विशिष्ट पहचान और लोगों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा नवनिर्वाचित सरकार की नीति का आधार है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस संबंध में प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करने के लिए आगामी दिनों में नयी दिल्ली जाएंगे.
जम्मू-कश्मीर में चार नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र
मंत्रिमंडल ने चार नवंबर को श्रीनगर में विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का निर्णय भी लिया है और उपराज्यपाल से सत्र आहूत करने तथा उसे संबोधित करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि पहले सत्र के लिए विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण का मसौदा भी मंत्रिपरिषद के समक्ष रखा गया, जिसके बाद मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया कि इस पर विचार किया जाएगा.
अनुच्छेद 370 को लेकर पीडीपी, पीसी और अवामी इत्तेहाद पार्टी ने उमर सरकार की निंदा की
राजनीतिक दलों ने शुक्रवार को कहा था कि प्रस्ताव में केवल राज्य का दर्जा देने का जिक्र है जबकि अनुच्छेद 370 का कोई उल्लेख नहीं है. उन्होंने इस प्रस्ताव को ‘पूरी तरह आत्मसमर्पण’ और सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के रुख के विपरीत बताया. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) और अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस कदम की निंदा की और नेशनल कांफ्रेंस को अनुच्छेद 370 बहाल कराने का उसका वादा याद दिलाया.