22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Gopalganj : शहर की आबोहवा में घुला जहर, बिगड़ रही सेहत

Gopalganj News : शनिवार को जिले का एक्यूआइ का स्तर 290 पर पहुंच गया जो खराब श्रेणी में आता है. इस स्तर पर हवा में प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन जाता है.

गोपालगंज शहर की आबोहवा जहरीली होती जा रही है. शहर में कोई इंडस्ट्री नहीं होने के बाद भी प्रदूषण का लेबल तेजी से बढ़ रहा है. दिल्ली की तरह गोपालगंज का आइक्यूआइ पहुंच गया है. शनिवार को जिले का एक्यूआइ का स्तर 290 पर पहुंच गया जो खराब श्रेणी में आता है. इस स्तर पर हवा में प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन जाता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए. बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है, और उन्हें घर के अंदर रहने की सलाह दी गयी है, जिससे अस्पतालों में सांस और इससे संबंधित समस्याएं लेकर रोगी पहुंच रहे हैं.

पर्यावरण में बढ़ा प्रदूषण मौसम विज्ञानी

मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ गया है. जिससे कम इम्युनिटी के लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण लेबल को कंट्रोल करने के लिए लगातार उपाय किया जा रहा, लेकिन गोपालगंज के खराब हवा को साफ करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किये जा रहे. प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को कोई परवाह तक नहीं है.

क्यों प्रदूषित होती है हवा

हवा प्रदूषित होने के पीछे रासायनिक, घरेलू दहन उपकरण, मोटर वाहन, औद्योगिक धुआं, पटाखा से निकलने वाले धुआं, धूल और आग वायु प्रदूषण के सामान्य स्रोत हैं. सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय बनने वाले प्रमुख प्रदूषकों में पार्टिकुलेट मैटर, कार्बन मोनोऑक्साइड, ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड शामिल हैं.

प्रदूषण से इन बीमारियों के बढ़ रहे मरीज

शहर के अस्पतालों के ओपीडी में स्किन संबंधी समस्याएं, अस्थमा, सिरदर्द, खांसी, आंखों में जलन, गले का दर्द, निमोनिया, उल्टी व जुकाम के केस भी तेजी से बढ़ रहे हैं. वे मरीजों को रोजाना गर्म पानी पीने की सलाह दे रहे हैं.

इसे भी पढ़ें : ये भूमिहारों का गांव है मुझे यहां गोली मार देंगे… खुद पर हुआ हमला तो छलका सिंगर का दर्द

प्रदूषण से ऐसे करें बचाव

मास्क पहनें, हाथ धोएं, स्वच्छ पानी पीएं, कपड़ों को रोजाना धोएं, भाप लें, प्राणायाम करें, बिटामिन सी लें, बाहर के खाने से परहेज करें, बिना मास्क के बाहर न निकलें.

बढ़ी दवाओं की खपत

जैसे-जैसे ओपीडी में मरीज बढ़ रहे हैं, वैसे ही दवाओं की खपत बढ़ रही है. पिछले माह 20 हजार के लगभग डेरीफाइलिन की दवा की खपत हुई थी और अब यह आंकड़ा 30 हजार के आसपास जा चुका है.

इसे भी पढ़ें : Bihar by-election : प्रशांत किशोर के दावे में दम, एक सीट पर डॉक्टर तो दूसरे पर प्रोफेसर को बनाया उम्मीदवार

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें