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एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से गर्भवती व रेफर मरीज रहे परेशान

चार महीने के बकाया वेतन व छह महीने के बकाया पीएफ को लेकर सदर अस्पताल सहित जिले के स्वास्थ्य संस्थानों पर संचालित 102 एंबुलेंस के चालक व इएनटी शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये.

भभुआ सदर. चार महीने के बकाया वेतन व छह महीने के बकाया पीएफ को लेकर सदर अस्पताल सहित जिले के स्वास्थ्य संस्थानों पर संचालित 102 एंबुलेंस के चालक व इएनटी शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. इधर, कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने और एंबुलेंस का पहिया थम जाने से गर्भवती और रेफर किये जाने वाले मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. कई मरीजों को तो निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ा. शनिवार से हड़ताल पर गये एंबुलेंस कर्मियों ने बकाया वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर डीपीएम कार्यालय के बाहर धरना दिया और वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर नारेबाजी की. एंबुलेंस कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के संबंध में बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ इंटक के प्रदेश सचिव ऋषिमुनि राम ने बताया कि वेतन नहीं मिलने के चलते एंबुलेंस कर्मी और उनका परिवार आज भुखमरी के कगार पर आ चुके है. बकाया वेतन को लेकर कई बार अधिकारियों से गुहार लगायी गयी, लेकिन वेतन की जगह केवल आश्वासन दिया जाता रहा. सुनवाई नहीं होने के चलते विवश होकर एंबुलेंसकर्मी हड़ताल पर जाने को मजबूर हुए हैं. प्रदेश सचिव ने बताया कि अधिकारियों द्वारा उनलोगों को बुलाकर दो तीन दिन का समय मांगा गया है, लेकिन जब तक उनलोगों का बकाया वेतन नहीं मिलेगा वह लोग हड़ताल से वापस नहीं लौटेंगे. उन्होंने बताया कि एक जून से उन लोगों का वेतन बकाया है. उनकी मांग है कि जल्द से जल्द उन लोगों को चार महीने का वेतन दिया जाये. इसके अलावा दो अप्रैल 2024 से अब तक ईपीएफ और एसआई जमा नहीं की गयी है, जिसे अविलंब जमा करने, अप्रैल 2024 से श्रम अधिनियम के तहत वेतन भुगतान करने और नयी एजेंसी में समायोजन करने की मांग है. इसके अलावा हैंडओवर लेने के 48 घंटे के अंदर कर्मियों को एंबुलेंस उपलब्ध कराने और मृत ईएमटी नागेंद्र कुमार का बकाया तीन माह का वेतन देने व पीएफ में काटी गयी राशि को अविलंब जारी करने की प्रमुख मांगें हैं. सदर अस्पताल में शनिवार को धरना-प्रदर्शन के दौरान एंबुलेंस कर्मी सुनील कुमार, शशिकांत सिंह, अरविंद कुमार, संजय कुमार, शिवशंकर पाठक, कमल किशोर पाठक सहित अन्य उपस्थित रहे. =निजी वाहन का लेना पड़ा सहारा शनिवार से 102 एंबुलेंस कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को काफी परेशानी हुई. खासकर हायर सेंटर रेफर होनेवाले मरीजों और गर्भवती महिलाओं को हड़ताल से काफी परेशानी उठानी पड़ी. कई मरीजों को परिजन प्राइवेट एंबुलेंस से या निजी वाहनों से इलाज के लिए बाहर लेकर गये. एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर रहने से किरकला गांव निवासी विक्की कुमार को अपनी बेटी को इलाज के लिए निजी वाहन का सहारा लेना पड़ा. दरअसल, किरकला गांव निवासी विक्की कुमार की बेटी अंशु कुमारी को फरका की बीमारी के चलते डॉक्टर द्वारा उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया, लेकिन एंबुलेंस नहीं मिलने के चलते तत्काल निजी वाहन का प्रबंध कर उन्हें बच्ची को बाहर इलाज के लिए ले जाना पड़ा.

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