फोर्ड हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, पटना में अब पैर में होने वाली गैंगरीन बीमारी का इलाज शुरू होने जा रहा है. अस्पताल के निदेशक डॉ. बीबी भारती ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गैंगरीन की समस्या से जूझ रहे मरीजों को अब पटना में ही उच्च स्तरीय उपचार उपलब्ध होगा. गैंगरीन एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का कोई हिस्सा, आमतौर पर उंगलियां या पैर रक्त की कमी के कारण मरने लगते हैं. इसके कारण इन अंगों में कोई जख्म हो जाने पर वे जल्दी नहीं सूख पाते हैं. यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि डायबिटीज, रक्त से संबंधित रोग या चोट.
क्या होता है बलूनिंग तकनीक?
डॉ. भारती ने बताया कि हमने फोर्ड हॉस्पिटल में अत्याधुनिक उपकरणों और विशेषज्ञों की टीम के साथ बलूनिंग तकनीक का उपयोग शुरू किया है, जिससे बंद हुई आर्टी को खोला जा सकता है और प्रभावित अंग में रक्त संचार फिर से किया जा सकता है. बलूनिंग तकनीक में एक विशेष प्रकार के बलून का उपयोग किया जाता है जिसे रोगग्रस्त आर्ट्री में डाला जाता है और फिर इसे फुलाकर रक्त प्रवाह को बहाल किया जाता है. इससे मरीज का अंग सर्जरी से बच सकता है और गैंगरीन की जटिलता से राहत मिल सकती है.
शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी – डॉ. बीबी भारती
डॉ. बीबी भारती ने कहा कि शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना और समय पर उपचार करना जरूरी है. जिससे की प्रभावित अंग को कम से कम क्षति होने से पहले बचाया जा सके. अस्पताल में अब आधुनिक सर्जरी, दवाइयों और अन्य उपचार तकनीकों का इस्तेमाल कर मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया जाएगा.