फ्लैश बैक : बगोदर विधानसभा
महेंद्र सिंह ने एक बार आइपीएफ व दो बार भाकपा माले से दर्ज की थी जीत
जिले के बगोदर विधानसभा क्षेत्र लालगढ़ के रूप में प्रसिद्ध रहा है. इस सीट पर पांच बार भाकपा माले के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. खास बात यह है कि बगोदर विधानसभा क्षेत्र से महेंद्र प्रसाद सिंह ने एक बार आईपीएफ व दो बार भाकपा माले की टिकट से लगातार तीन बार चुनाव में परचम लहराया है. इनके अलावा भाकपा माले के प्रत्याशी विनोद कुमार सिंह ने दो बार जीत हासिल की है. बगोदर विधानसभा क्षेत्र में चुनावों की बात करें तो वर्ष 1972 में बीजेएस के प्रत्याशी के बसंत नारायण सिंह 13 हजार 581 वोट लाकर विजयी रहे थे. वहीं दूसरे स्थान पर कांग्रेस के सफीरूद्दीन मियां को 7561 वोट मिले थे. इसके बाद 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के प्रत्याशी गौतम सागर राणा 14 हजार 604 वोट लाकर विजयी हुए. उस वक्त निर्दलीय प्रत्याशी खरगधारी सिंह 6007 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे. वर्ष 1980 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी खरगधारी नारायण सिंह ने जीत हासिल की, उन्हें कुल 18 हजार 285 वोट मिले थे. वहीं 8367 वोट लाकर कांग्रेस प्रत्याशी हृदय नारायण देव दूसरे स्थान पर थे. इसके बाद 1985 के चुनाव में लोक दल के प्रत्याशी गौतम सागर राणा ने 10 हजार 632 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज किया. वहीं दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी मयूरधवाजा नारायण को 10 हजार 176 वोट मिला था. वर्ष 1990 में पहली बार लाल झंडा ने परचम लहराया. इस चुनाव में आईपीएफ प्रत्याशी महेंद्र प्रसाद सिंह ने 29 हजार 107 वोट लाकर जीत हासिल की थी. दूसरे स्थान पर जनता दल के प्रत्याशी गौतम सागर राणा रहे जिन्हें 20 हजार 808 वोट मिला था. इसके बाद वर्ष 1995 के विस चुनाव में महेंद्र प्रसाद सिंह भाकपा माले के टिकट से चुनाव लड़े और 35 हजार 035 वोट लाकर जीत हासिल की. वहीं जनता दल के प्रत्याशी मथुरा प्रसाद 25 हजार 056 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे. वर्ष 2000 में भाकपा माले प्रत्याशी महेंद्र प्रसाद सिंह ने 32 हजार 182 वोट लाकर पुन: जीत हासिल की. इस चुनाव में जदयू प्रत्याशी गौतम सागर राणा 25 हजार 529 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे. वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव से पहले भाकपा माले नेता महेंद्र प्रसाद सिंह की नक्सलियों ने गोली मार कर हत्या की दी. उनकी हत्या के बाद उनके पुत्र विनोद कुमार सिंह ने भाकपा माले के टिकट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वर्ष 2005 के चुनाव में भाकपा माले प्रत्याशी विनोद कुमार सिंह ने 68 हजार 752 वोट लाकर जीत हासिल की और पहली बार विधायक बने. वहीं झामुमो प्रत्याशी नागेंद्र महतो 44 हजार 272 वोटों के साछ दूसरे स्थान रहे. 2009 के चुनाव में भाकपा माले के प्रत्याशी विनोद कुमार सिंह 54 हजार 436 वोट लाकर विजयी रहे. वहीं झाविमो प्रत्याशी नागेंद्र महतो को 47 हजार 718 वोट मिला और वह दूसरे स्थान पर रहे. वर्ष 2014 के चुनाव में नागेंद्र महतो भाजपा की टिकट से चुनाव लड़े और 74 हजार 898 वोट लाकर जीत हासिल की. सीपीआईएमएल के प्रत्याशी विनोद कुमार सिंह 70 हजार 559 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे. हालांकि वर्ष 2019 के चुनाव में सीपीआईएमएल प्रत्याशी विनोद कुमार सिंह ने पुन: जीत हासिल की. उन्हें 98 हजार 201 वोट मिला वहीं दूसरे स्थान पर रहने वाले भाजपा प्रत्याशी नागेंद्र महतो को 83 हजार 656 वोट मिला था.
पलायन व सिंचाई संसाधन की है कमी
बगोदर विधानसभा क्षेत्र में पलायन एक बड़ी समस्या है. रोजगार की तलाश में यहां के लोग महानगरों के अलावे विदेशों का रूख करते हैं. हालांकि विदेशों में जब मजदूरों का शोषण होता है तो उनकी ओर से वापसी की गुहार लगायी जाती है. इस क्षेत्र में सिंचाई संसाधन की कमी है. लिहाजा यहां के कृषकों को खेती करने में परेशानी होती है. सिंचाई व्यवस्था के अभाव में कई खेत परती रह जाती है. इस क्षेत्र में उच्च शैक्षणिक संस्थान की कमी है. उच्च शिक्षा को लेकर यहां के मेघावी विद्यार्थी कोलकाता, दिल्ली व बैंगलोर जाने को विवश है. इसके अलावे पेयजल व बिजली की समस्या से भी यहां के लोगों को दो-चार होना पड़ता है. यह समस्या चुनावी मुद्दा बनेगा.
वर्ष – विजयी प्रत्याशी – दल
1. 1972 – के बसंत नारायण सिंह – बीजेएस
2. 1977 – गौतम सागर राणा – जनता पार्टी3. 1980 – खरगधारी नारायण सिंह – निर्दलीय4. 1985 – गौतम सागर राणा – लोक दल
5. 1990 – महेंद्र प्रसाद सिंह – आईपीएफ6. 1995 – महेंद्र प्रसाद सिंह – भाकपा माले7. 2000 – महेंद्र प्रसाद सिंह – भाकपा माले8. 2005 – विनोद कुमार सिंह – भाकपा माले
9. 2009 – विनोद कुमार सिंह – भाकपा माले10. 2014 – नागेंद्र महतो – भाजपा11. 2019 – विनोद कुमार सिंह – भाकपा माले
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