गिरिडीह-मधुपुर रेलखंड पर आजादी से पूर्व बना था स्टेशन
कोडरमा-गिरिडीह लाइन बनने के बाद भी नहीं ली गयी सुध
जमीनी हकीकत
गांडेय. गिरिडीह-मधुपुर रेलखंड पर आजादी के पूर्व स्थापित महेशमुंडा रेलवे स्टेशन में यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है. कोडरमा-गिरिडीह रेललाइन विस्तार के क्रम में यहां नया भवन तो बना, लेकिन प्लेटफॉर्म का जीर्णोद्धार नहीं होने से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. गिरिडीह-मधुपुर रेलखंड पर स्थित महेशमुंडा रेलवे स्टेशन काफी महत्वपूर्ण है. यहां महेशमुंडा, गांडेय, बुधुडीह, अहिल्यापुर, बेंगाबाद समेत आसपास के लोग प्रतिदिन गिरिडीह, मधुपुर, आसनसोल, कोलकाता, पटना जैसे शहर आना-जाना करते हैं. आजादी के पूर्व स्थापित रेलवे स्टेशन पर पानी, बिजली, शौचालय, बैठने के लिए बेंच व शेड की स्थिति काफी खराब है, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्थानीय विनोद ठाकुर, राजेश राय, मिथलेश वर्मा, मो. गफ्फार, मोहन शर्मा आदि ने बताया कि कोडरमा रेल लाइन विस्तार के क्रम में यहां नया स्टेशन भवन बना. इसमें कार्यालय, टिकट काउंटर, वेटिंग रूम आदि बना, लेकिन प्लेटफॉर्म को जर्जर अवस्था में छोड़ दिया गया. बताया कि प्लेटफार्म का शेड जर्जर हो चुका है. यहां का शौचालय बंद है. चापाकल खराब रहने से यात्री पानी के लिए भटकते रहते हैं. यात्रियों को बैठने के लिए समुचित बेंच ऊी नहीं है. इतना ही नहीं यहां निर्मित कुआं भी मरम्मत के अभाव में बेकार हो गया है. प्लेटफार्म के दोनों ओर झाड़ियां उग आयी हैं. चारों ओर गंदगी के ढेर लग गया हुआ है. यात्री ट्रेन की इंतजार दुर्गंध के बीच करते हैं. स्थानीय लोगों ने कई बार रेलवे से स्टेशन पर यात्री सुविधा बनाने का आग्रह किया, लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं है.
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