चंद्रमंडीह. बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ के बैनर तले चकाई में रसोइया संघ का प्रथम प्रखंड सम्मेलन रविवार को भाकपा माले कार्यालय के समक्ष हुआ. सम्मेलन का उद्घाटन भाकपा माले जिला सचिव काॅमरेड शंभूशरण सिंह ने किया, जबकि पर्यवेक्षक के रूप में रसोइया संघ की जिला अध्यक्ष दीपमाला देवी उपस्थित रही. सम्मलेन की शुरुआत एक्टू के झंडोत्तोलन एवं दिवंगत रसोइयों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई. इस दौरान सर्वप्रथम तीन सदस्यीय अध्यक्ष मंडल का गठन किया गया. मौके पर उपस्थिति लोगों को संबोधित करते हुए काॅमरेड शंभूशरण सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों मजदूर विरोधी है. सरकार ने 44 श्रम कानून को खत्म करते हुए इसे चार कोड बिल में तब्दील कर दिया. सरकार की मंशा मजदूरों के प्रति साफ नहीं है. सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरुद्ध देशभर के श्रमिक संगठन एकजुट हैं. वहीं भाकपा माले प्रखंड सचिव काॅमरेड मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि बिहार विद्यालय रसोइया संघ का प्रथम प्रखंड सम्मेलन ऐसे नाजुक दौर में हो रहा है जब लगातार श्रमिकों के अधिकारों पर हमले हो रहे हैं. वहीं काॅमरेड बाबू साहब सिंह ने कहा कि सरकार रसोइया को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देकर साल में दो बार ड्रेस दे. साथ ही 18 हज़ार रुपया मानदेय तय करें. अन्यथा सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई तेज की जायेगी. रसोइया संघ के जिला सचिव मो हैदर ने कहा कि रसोइया के साथ आये दिन विद्यालय में दुर्व्यवहार की सूचनाएं प्राप्त होती रहती हैं. इन समस्याओं पर एकता व संघर्ष के बल पर ही जीत सुनिश्चित की जा सकती है. वहीं इस दौरान 21 सदस्यीय प्रखंड कमेटी का भी गठन किया गया. जिसके तहत सुशीला टुडू को प्रखंड अध्यक्ष, राजकिशोर किस्कू को प्रखंड सचिव, रिंकी देवी को उपाध्यक्ष एवं रुपन साह को कोषाध्यक्ष बनाया गया. मौके पर बड़ी संख्या में विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत रसोइया उपस्थित थी.
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