Bihar Land Registry: बिहार में जमीन और फ्लैट्स से जुड़े दस्तावेजों की रजिस्ट्री में जमाबंदी की अनिवार्यता मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सोमवार को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में बहस हुई, जिसमें राज्य सरकार एवं दस्तावेज नवीस संघ के अधिवक्ताओं ने अपना-अपना पक्ष रखा. मामले में कोर्ट यह निर्णय करेगा कि रजिस्ट्री में जमाबंदी की अनिवार्यता का सरकारी नियम फिर से लागू होगा या फिर इसे खत्म कर दिया जायेगा. इस मामले में अब अगली सुनवाई 08 नवंबर को होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय पर लगाया था स्टे
दरअसल राज्य सरकार ने जमीन विवाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए शहरी क्षेत्र के अपार्टमेंट और फ्लैट को छोड़ कर सभी इलाकों में जमीन की रजिस्ट्री के लिए विक्रेता के नाम से संबंधित प्लॉट की जमाबंदी होना अनिवार्य कर दिया था. इस जमाबंदी का उल्लेख नये डीड में भी किया जाता है. हाईकोर्ट के आदेश पर 21 फरवरी 2024 को यह नियम लागू किया गया था, लेकिन 21 मई 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय पर स्टे लगा दिया, जिससे पुरानी व्यवस्था बहाल हो गयी.
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पटना हाईकोर्ट ने क्या दिया था फैसला?
सरकार के नियम को सही करार देते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि जिसके नाम जमीन की जमाबंदी होगी. वहीं, व्यक्ति अपनी संपत्ति की बिक्री कर सकता है. यानी, माता-पिता के नाम जमाबंदी वाले जमीन की बिक्री पुत्र या पुत्री को भी करने का अधिकार नहीं है. इसके खिलाफ कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट चले गये थे. कोर्ट ने तत्काल हाईकोर्ट के फैसला पर रोक लगाते हुए पूर्व की तरह से ही जमीन रजिस्ट्री का आदेश दिया था, जिस पर अब फैसला आना बाकी है. इसे लेकर सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की ओर टिकी हुई है.