जमुई. सांप का डसना जैसी उसकी प्रकृति है, ठीक उसी प्रकार डसे हुए व्यक्ति को झाड़-फूंक से उपचार कराना तथा मौत हो जाने के बाद उसके प्राण लौटने की आस अज्ञानता और उससे उपजे एक अंधविश्वास के अतिरिक्त और कुछ नहीं. लेकिन सोमवार को ऐसा ही एक दृश्य जमुई जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र के मांगोबंदर गांव में देखने को मिला. जहां एक सर्प दंश से एक व्यक्ति की मौत के बाद शव को मंदिर लेकर लेकर गये और कई घंटे तक झाड़-फूंक के चक्कर में लगे रहे. इतना ही नहीं शव को लेकर मंदिर में बैठकर लोग पूजा अर्चना करते रहे. पहले उसके शव को कुएं के पानी से नहलाया, फिर भगवान के सामने हाथ जोड़कर बैठे रहे. प्राप्त जानकारी के अनुसार, मांगोबंदर गांव निवासी 45 वर्षीय राजेश विश्वकर्मा की दुकान पर एक सपेरा आया था, जो सांप दिखा रहा था. इस दौरान राजेश ने सांप की टोकरी में जैसे ही पैसे डाले उसे सांप ने डंस लिया. सांप के डसने के बाद सपेरा उसे यह कहकर चला गया कि उसने सांप के विष वाले दांत तोड़ दिये हैं और वह सांप जहरीला नहीं है. सपेरे के चले जाने के बाद धीरे-धीरे उसकी तबीयत खराब होने लगी और अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. राजेश की मौत के बाद अस्पताल में ही किसी ने मृतक के परिजनों को सलाह दी कि उसे घनश्याम स्थान ले जाने के बाद वहां उसे ठीक कर दिया जायेगा. इसके बाद मृतक के परिजन राजेश के शव को लेकर घनश्याम बाबा के मंदिर पहुंच गए. फिर वहां अंधविश्वास का खेल चलता रहा. मंदिर के पुजारी श्रवण कुमार पांडेय ने बताया कि लोगों ने कुएं के पानी से शव को नहलाया, मंदिर में लाकर लिटाया, हाथ जोड़े, घंटी बजाई, गीत गाये. कई घंटे लगातार यह हाई वोल्टेज ड्रामा चलने के बाद भी जब शव में प्राण नहीं लौटा तब मंदिर के पुजारी ने उन्हें वहां से जाने को कह दिया. मंदिर के पुजारी श्रवण कुमार पांडेय ने बताया कि 7:00 बजे शाम में मृतक के परिजन उसे लेकर आये थे. शव को जिंदा करने की गुहार लगा रहे थे. फिलहाल यह पूरा मामला जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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