गंगा किनारे बसे मोहल्लों से बाढ़ का पानी उतर चुका है. पानी उतरने के बाद इन क्षेत्रों के लोग अपने घर की क्षति का आकलन करने में लगे हैं. कई जगह बर्बादी के मंजर साफ दिख रहे हैं. इतना ही नहीं कुछ स्थानों पर घर भी ध्वस्त हो गये, जिससे लोगों को अपना आशियाना बदलना पड़ा.
दीपनगर घाट किनारे बसे मोहल्ले में दो घर पहले ही बह गये थे. अब एक घर गिर गया. कई घर बहुत कमजोर हो गये. घाट किनारे बने पार्षद भवन में दरारें आ गयी हैं. डेढ़ साल पहले ही इस भवन का उद्घाटन मेयर डॉ बसुंधरालाल ने किया था. पार्षद प्रतिनिधि मनोज गुप्ता ने बताया कि पहले ही इस भवन के निर्माण में संवेदक द्वारा लापरवाही बरती गयी.
बाढ़ के बाद नहीं हुई बारिश, नहीं धुल सकी है गंदगी
बैंक कॉलोनी में पानी उतरने के बाद नगर निगम की ओर से चूना एवं ब्लिचिंग पाउडर का छिड़काव लगातार किया जा रहा है. लोगों को बदबू से राहत मिलने लगी है. पानी उतरने के बाद अब तक पानी नहीं बरसने से इन इलाकों की गंदगी भी नहीं धुल सकी.आदमपुर घाट बैंक कॉलोनी के सूरज प्रभात दूबे ने बताया कि पानी का बहाव इतना तेज था कि दीवार कमजोर हो गयी. वहीं किलाघाट के राजेश राय ने बताया कि यहां पर भी 15 से अधिक घर पर बाढ़ का प्रभाव पड़ा है. उनकी घर की दीवारें कमजोर हो गयी हैं. इसी तरह साहेबगंज, मोहनपुर, साकम आदि क्षेत्रों में भी बाढ़ के पानी से मकान को क्षति पहुंची है. यहां के लोगों ने भी सरकार से मुआवजा की अपेक्षा की है. उनका कहना है कि यहां पर सरकार को सर्वे कराना चाहिए.
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