Rourkela News: राउरकेला के जेल रोड स्थित इएसआइ मॉडल अस्पताल में अव्यवस्था का आलम है. यहां तक डॉक्टरी जांच के बाद मरीजों को ऑपरेशन के लिए बुलाया जाता है. ऑपरेशन के लिए सर्जिकल ड्रेस पहन कर घंटोंं इंतजार करने के बाद उन्हें पुन: वापस भेज दिया जाता है. अगले दिन पुन: बुलाया जाता है, लेकिन अगले दिन भी वैसी ही स्थिति का सामना करना पड़ता है. ताजा मामले में बासंती कॉलोनी के भुवनानंद प्रधान को दो बार अस्पताल से लौटाया गया है. इससे उनके परिजनों में नाराजगी देखी जा रही है. जानकारी के अनुसार, भुवनानंद के परिवार ने उन्हें सर्जरी के लिए इएसआइ मॉडल अस्पताल में हाल ही में भर्ती कराया था. ऑपरेशन के लिए निर्धारित समय से करीब दो घंटे पहले उन्हें सर्जिकल ड्रेस दी गयी. जिसे पहन कर 5-6 घंटे तक बिस्तर पर उन्होंने इंतजार किया, लेकिन बिना सर्जरी के दूसरे दिन आने के लिए कहकर लौटा दिया गया. डॉक्टर के निर्देशानुसार, उन्हें दोबारा मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया. सर्जिकल ड्रेस पहनी और बिस्तर पर लेट गये. लेकिन पुन: लौटा दिया गया. इसी तरह सुंदरगढ़ के विभिन्न ब्लॉकों समेत छेंड कॉलोनी और अन्य जिलों से आने वाले मजदूरों और उनके परिवारों को वापस भेजा जा रहा है. सैकड़ों मरीजों को महीनों तक इसी तरह परेशान किया जा रहा है.
39 की जगह केवल 22 डॉक्टर नियोजित, कर्मचारियों की भी भारी कमी
सुंदरगढ़ सहित पश्चिमी ओडिशा के लगभग 2 लाख 50 हजार बीमित कर्मचारी और उनके परिवार इएसआइ मॉडल अस्पताल पर निर्भर हैं. लेकिन 50 बेड वाले अस्पताल में वर्षों से कर्मचारियों की कमी है. यहां 39 डॉक्टरों की जरूरत हैं, लेकिन सिर्फ 22 डॉक्टर हैं. एनेस्थीसिया, सर्जन और मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों की नियुक्ति आज तक नहीं की गयी है. एक्स-रे मशीन पिछले दिनों लायी गयी है. लेकिन अल्ट्रासाउंड व अन्य आवश्यक मशीनें कब आयेंगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है. तीन दिन पहले इएसआइ सेंट्रल बोर्ड की बैठक दिल्ली में हुई थी. इसमें देश के अन्य इएसआइ मॉडल अस्पतालों की तरह राउरकेला को भी प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा कहा जा रहा है कि बेड की संख्या 50 से बढ़ाकर 150 की जायेगी. लेकिन 50 बेड वाले अस्पताल में मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है, तो 150 बिस्तरों वाला अस्पताल एक सपने जैसा लगता है.
विभागीय अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान, श्रमिक परिवार भुगत रहे खामियाजा
राउरकेला के इएसआइ मॉडल अस्पताल में असुविधाओं को लेकर स्थानीय श्रमिक नेता बार-बार विभागीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करा रहे हैं. फिर भी इसका कोई नतीजा नहीं निकल रहा है. सुंदरगढ़ औद्योगिक श्रमिक संघ के महासचिव जहांगीर अली का कहना है कि लंबी मांग के बाद डॉक्टरों की नियुक्ति हुई है. लेकिन अभी तक आवश्यकता के अनुसार डॉक्टरों नहीं हैं. जिससे इसका खामियाजा बीमित श्रमिकों व उनके परिवार को भुगतना पड़ रहा है. सिर्फ इतना ही नहीं, अस्पताल में रक्त परीक्षण का समय सुबह 9:30 से दोपहर 13:30 बजे तक है. परीक्षण रिपोर्ट दोपहर 3:30 बजे आती है. तब तक डॉक्टर चले जाते हैं. जिस कारण मरीजों को बिना परामर्श के जाना पड़ता है तथा अगले दिन पुन: अस्पताल में इंतजार करना पड़ता है. कई मरीजों की शिकायत है कि डॉक्टर व कर्मचारी समय पर अस्पताल नहीं आते हैं. अस्पताल में भर्ती मरीजों को ठीक से खाना नहीं मिलता है.
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