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प्लस टू उच्च विद्यालय द्वाशय के अतिक्रमित जमीन का मामला तूल पकड़ा

एमएलसी से ग्रामीणों ने लगायी गुहार

कटिहार. जिले के डंडखोरा प्रखंड के द्वाशय पंचायत में स्थित एकमात्र प्लस टू माध्यमिक विद्यालय द्वाशय की भूमि का अतिक्रमण कर रास्ता बंद करने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. सोमवार को बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने विद्यालय की जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने को विधान पार्षद अशोक कुमार अग्रवाल से मिलकर ज्ञापन दिया है. द्वाशय पंचायत के ग्रामीणों ने विधान पार्षद अशोक अग्रवाल को बताया कि द्वाशय पंचायत के निवासी सतीश चंद्र मिश्र एवं कपिल यादव के द्वारा विद्यालय के रास्ते पर पक्का मकान बना रहे है. जिससे स्कूल आने जाने का रास्ता बंद हो जायेगा. स्कूल के रास्ता की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करना अति आवश्यक है. नहीं तो रास्ता बंद हो जाने से स्कूल आने जाने में छात्र-छात्राओं व शिक्षकों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा. इस संबंध में विधान पार्षद ने बताया कि ज्ञापन को संबंधित पदाधिकारी को भेज कर जल्द से जल्द इस मामले की जांच करायी जायेगी. जिससे स्कूल के रास्ता को मुक्त कराया जा सके. ताकि स्कूल आने-जाने वाले बच्चों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े. इसको लेकर जल्द से जल्द कार्रवाई की जायेगी. इस मौके पर द्वाशय पंचायत के माया लाल विश्वास, ब्रह्मानंद यादव, विजय यादव, जितेंद्र यादव, राजेंद्र यादव, सरोज विश्वास, सिकंदर यादव, राजू यादव, दिलीप यादव, गोकुल यादव, सुरेश यादव, गोपाल यादव एवं अन्य लोग शामिल थे. उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी स्थानीय लोगों ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक को एक आवेदन देकर विद्यालय के आने जाने वाली रास्ता को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की थी. पर अबतक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है. इस विद्यालय में डंडखोरा प्रखंड के अलावा हसनगंज व कदवा प्रखंड के कुछ गांव के बच्चे भी पढ़ते है. दान की हुई पूरी जमीन के नामांतरण की मांग

ग्रामीणों ने कहा है कि 1957 में विद्यालय एवं खेल मैदान के लिए चंद्रानंद मिश्रा, मंतर यादव, भुलाई यादव एवं फूदी यादव ने तीन एकड़ भूमि राज्यपाल के नाम से दान दिया गया था. साथ ही ग्रामीणों के सहयोग से विद्यालय के बगल में लगभग 65 साल से सार्वजनिक ग्रामीण हाट भी लगता है. जिस होकर लोगों का लोगों की आवाजाही होती है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया गया है कि अंचल पदाधिकारी डंडखोड़ा द्वारा मनमानी तरीके से तीन एकड़ भूमि जो राज्यपाल के नाम से दिया गया है. उसमें मात्र दो एकड़ 76 डिसमिल जमीन का ही नामांतरण किया गया है. जबकि शेष जमीन अब भी बचा हुआ. ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक के माध्यम से जिला शिक्षा पदाधिकारी से मांग किया है कि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के लिए विद्यालय एवं खेल मैदान के लिए मुख्य सड़क तक 15 फीट की कम से कम रास्ता होनी चाहिए. साथ ही विद्यालय के तीन एकड़ भूमि जो दान दी गयी है. कुल भूमि का नामांतरण कराया जाये.

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