बासुकिनाथ.कार्तिक कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि सोमवार को फौजदारी दरबार में भक्तों की भीड़ लगी रही. मंदिर प्रबंधन के अनुसार करीब 45 हजार श्रद्धालुओं ने जलार्पण कर परिवार के सुख समृद्धि की कामना किया. मंदिर गर्भगृह में पुरोहित पूजा के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट को खोल दिया. शाम पांच बजे भोलेनाथ की विश्राम पूजा के लिए कांवरियों का जलार्पण और पूजा रोक दी गई. इस बीच भोलेनाथ नागेश की षोडशोपचार पूजन के बाद विश्राम हेतु बाबा मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए. विश्राम पूजन के बाद मंदिर के कपाट पुनः खोले गए और श्रद्धालुओं ने फिर से मंदिर में जलार्पण करना शुरू किया, जो रात्रिकालीन श्रृंगार पूजा तक लगातार जारी रहा. भक्तों ने पवित्र शिवगंगा में डूबकी लगाकर बाबा भोलेनाथ की स्पर्श पूजा की. महिला पुरुष शिवभक्तों को बारी-बारी से गर्भगृह के अंदर प्रवेश कराकर पुलिस व्यवस्था के तहत पूजा अर्चना कराया गया. सम्पूर्ण मंदिर हर हर महादेव के नारों से गुंजायमान रहा. भक्तों ने अपने पूर्व मनौती के अनुरूप बासुकिनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक, कालसर्प दोष निवारण पूजन, सत्यनारायण कथा, मुंडन कर्म, ध्वजारोहण, गठबंधन पूजा सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए. सम्पूर्ण मंदिर को फूलों से सजाया गया है. प्रदोष व्रत पर देर रात कोलकता से पहुंचे भक्तों द्वारा भव्य शृंगार पूजा का आयोजन होगा. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि कार्तिक मास में भगवान शिव को दुग्ध, गंगाजल व शहद से रुद्राभिषेक कर बेलपत्र अर्पित करने से पाप का क्षय तथा पुण्य की प्राप्ति होती है. संपूर्ण मंदिर परिसर हर हर महादेव के नारे से गुंजायमान रहा. बिहार, बंगाल व झारखंड के विभिन्न जिलों से पहुंचे भक्तों की भीड़ यहां देखी गयी. गर्भगृह गेट पर श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल लगे रहे. भक्तों ने गर्भगृह में भगवान भोलेनाथ का स्पर्श पूजा किया. कतारबद्ध होकर भक्तों ने भोलेनाथ पर जल पुष्प अर्पित किया. मंदिर निकास गेट पर स्वास्थ्य जांच के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है. मंदिर में श्रद्धालुओं के सुविधार्थ मंदिर प्रभारी सह बीडीओ कुंदन भगत, पुलिस निरीक्षक श्यामानंद मंडल आदि मौजूद थे.
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