India and China: चीन ने पुष्टि की है कि उसने पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक समझौता कर लिया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बताया कि दोनों देशों के बीच राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से लगातार बातचीत हो रही थी, जिसके परिणामस्वरूप एक समाधान पर सहमति बन गई है. चीन इस समझौते को लागू करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा, लेकिन उन्होंने समझौते के ब्योरे साझा नहीं किए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संभावित मुलाकात पर उन्होंने कहा कि अगर कोई जानकारी सामने आती है, तो वह इसे साझा करेंगे. यह समझौता, जो सोमवार को घोषित हुआ था, भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चार साल से जारी सैन्य गतिरोध को समाप्त करने में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
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गश्त को लेकर दोनों देशों ने संयुक्त रूप से गश्त करने पर सहमति व्यक्त की है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि वार्ताकारों के बीच कई हफ्तों से इस मुद्दे पर चर्चा चल रही थी, और यह समझौता डेपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त से जुड़ा है. समझौते की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी के रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने से एक दिन पहले आई थी, और इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक हो सकती है.
डेपसांग और डेमचोक विवादित क्षेत्रों में अब संयुक्त गश्त होगी. मिस्री ने बताया कि दोनों देशों के बीच हाल के हफ्तों में राजनयिक और सैन्य स्तर पर बातचीत जारी है, और दोनों नेताओं के बीच मुलाकात की तारीख और समय को लेकर समन्वय किया जा रहा है.