India-Canada Relation : भारत-कनाडा के बीच हालिया राजनयिक विवाद इसलिए उपजा है क्योंकि ट्रूडो ने हाल ही में एक बयान दिया कि भारत सिख अलगाववादियों के विरुद्ध कनाडा की धरती पर हिंसा का अभियान चला रहा है. खालिस्तान समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता है. इसके बाद जो कुछ भी हुआ उसने राजनयिक गतिरोध उत्पन्न कर दिया. भारत सरकार पर हत्या का आरोप लगाते हुए ट्रूडो सरकार ने 14 अक्तूबर को कनाडा में भारत के पांच राजनयिकों सहित उच्चायुक्त संजय वर्मा को निष्कासित कर दिया. इसकी प्रतिक्रिया में भारत ने भी कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. ताजा घटना ने भले ही भारत और कनाडा के राजनयिक संबंधों को निचले स्तर पर ला दिया है, पर यह तनाव निज्जर की हत्या के बहुत पहले ही शुरू हो चुका था. एक नजर उन घटनाक्रम पर…
फरवरी 2018 में भारत में ट्रूडो के रात्रिभोज पर विवाद
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो फरवरी 2018 में तब विवादों में आ गये थे जब अपनी भारत यात्रा के दौरान वे नयी दिल्ली स्थित कनाडा उच्चायोग द्वारा आयोजित एक रात्रिभोज में शामिल हुए थे. विवाद का कारण था रात्रिभोज में एक भारतीय-कनाडाई नागरिक व पूर्व सिख अलगाववादी जसपाल सिंह अटवाल को आमंत्रित किया जाना. अटवाल 1986 में पंजाब के एक कैबिनेट मंत्री की हत्या में शामिल था और इसके लिए उसे कनाडा में दोषी ठहराया गया था. इस रात्रिभोज से दो दिन पूर्व ट्रूडो के एक अन्य कार्यक्रम में भी अटवाल मौजूद था. इस पर भारत ने गहरी नाराजगी जतायी थी. और अंतत: ट्रूडो को अटवाल का निमंत्रण वापस लेना पड़ा था.
दिसंबर 2020 में हुए किसानों के विरोध प्रदर्शन को समर्थन
भारत सरकार द्वारा लागू किये गये तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन का ट्रूडो ने समर्थन किया था. भारत सरकार ने इसे घरेलू मामलों में अनुचित हस्तक्षेप माना और ट्रूडो की टिप्पणियों की आलोचना की.
जून 2023 में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या ने बढ़ाया तनाव
बीते वर्ष जून में 45 वर्षीय हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा के वैंकूवर सिटी के सर्रे में एक गुरुद्वारा के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. वर्ष 2020 में निज्जर को भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया था. निज्जर की जिस जगह हत्या हुई थी वहां बड़ी संख्या में सिख रहते हैं. इस हत्या ने राजनयिक तनाव को और बढ़ा दिया. हालांकि निज्जर की हत्या से पूर्व ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ चुका था, जो आठ जून को एक परेड निकालने से जुड़ा था. भारतीय विदेश मंत्री ने आठ जून को कनाडा में आयोजित उस परेड की निंदा की थी, जिसमें भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाया गया था.
सितंबर 2023 में स्थगित हुई व्यापार वार्ता
दोनों देशों के बीच चल रहे कथित तनाव को देखते हुए बीते वर्ष एक सितंबर को कनाडा ने अप्रत्याशित रूप से भारत के साथ व्यापार वार्ता रोक दी. हालांकि इसका कारण नहीं बताया गया. इसके बाद नौ व 10 सितंबर को नयी दिल्ली में हुए जी 20 कॉन्फ्रेंस के दौरान भी दोनों देशों के बीच तनाव दिखा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनेक विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक की, पर ट्रूडो को नजरअंदाज किया गया. इसके बाद कनाडा ने निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया और उसी समय एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया. इसकी प्रतिक्रिया में भारत ने कनाडा के राजनयिक को निष्कासित कर दिया और कहा कि यह कदम भारत के आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी को देखते हुए उठाया गया है. इतना ही नहीं, भारत ने सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए कनाडा में अपने वीजा ऑपरेशन पर भी रोक लगा दी. हालांकि ये प्रतिबंध अक्तूबर के अंत में हटा लिये गये थे. पर इसने तनाव को अत्यधिक बढ़ा दिया.
अक्तूबर 2023 में कनाडा ने भारत से बुलाये अपने राजनयिक
19 अक्तूबर को कनाडा ने तब अपने 41 राजनयिकों को भारत से वापस बुला लिया था जब भारत ने उनकी राजनयिक छूट और उनके रिश्तेदारों को मिलने वाली सुरक्षा रद्द करने की बात कही थी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने ऐसा करने का कारण कनाडाई राजनयिकों का भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना बताया था.
मई 2024 को निज्जर की हत्या में भारतीयों की गिरफ्तारी
तीन मई को कनाडा की रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने निज्जर की हत्या का षड्यंत्र रचने के आरोप में तीन भारतीय नागरिकों- कमलप्रीत सिंह, करणप्रीत सिंह और करण बरार- को गिरफ्तार कर लिया. ग्यारह मई को एक और भारतीय नागरिक अमनदीप सिंह को उसी आरोप में गिरफ्तार किया गया. इन सबके खिलाफ अभी जांच चल रही है. हालांकि इन गिरफ्तारियों को भारत ने खारिज कर दिया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तो भारत को दोषी ठहराने को ट्रूडो सरकार की राजनीतिक मजबूरी कहा.
अक्तूबर 2024 में राजनयिकों के निष्कासन से उपजा विवाद
इस महीने कनाडा ने छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. कनाडाई विदेश मंत्री का कहना है कि आरसीएमपी का दावा है कि उसके पास निज्जर की हत्या से जुड़े स्पष्ट सबूत हैं. जवाब में भारत ने भी कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित करने का निर्णय लिया.