-एसजेएमसी में अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए फोटोग्राफी और फिल्म मेकिंग प्रशिक्षण शुरू संवाददाता, पटना आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (एकेयू) के स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में निशुल्क फोटोग्राफी एवं फिल्म मेकिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का मंगलवार को उद्घाटन हुआ. इन दोनों कोर्स में 40-40 सीटों पर नामांकन होगा. मुख्यमंत्री श्रम शक्ति योजना के अंतर्गत इस कोर्स को संचालित किया जायेगा. बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री मो जमा खान ने इसका उद्घाटन किया. मो जमा खान ने कहा कि बेहतर फिक्शन फिल्म बनाने वाले स्टूडेंट्स को 30 हजार रुपये तक का वीडियो कैमरा व बेहतर फोटोग्राफी करने वाले स्टूडेंट्स को 30 हजार रुपये तक का कैमरा दिया जायेगा. मंत्री जमा खान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं. इसी के तहत यह प्रशिक्षण कार्यक्रम हमने शुरू किया है. अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को बदलते परिवेश के साथ खुद को नये हुनर से जुड़ने का निशुल्क मौका दिया जा रहा है. इससे उनके अंदर समावेशी विकास हो सके यह हमारी पहली प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री श्रमशक्ति योजना पर केंद्रित आर्यभट्ट टाइम्स के द्वितीय संस्करण का अनावरण भी किया गया. एकेयू के स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन द्वारा शुरुआत किये गये दो पाठ्यक्रमों फोटोग्राफी और फिल्म मेकिंग के जरिये प्रदेश का युवा हुनरमंद होगा. इससे उसे समाज में अपनी पहचान बनाने में मदद मिलेगी. एकेयू के कुलपति प्रो शरद कुमार यादव ने कहा कि प्रशिक्षुओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में विश्वविद्यालय सहयोग प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि हमने शिक्षा को सीधे रोजगारपरक बनाने के लिए ये प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है और इसमें अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का जो सहयोग मिला, वह हमें ऐसे और प्रशिक्षण कार्यक्रम को संचालित करने के लिए बल प्रदान करेगा. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव मो सोहैल ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान हर तरीके से आपके बेहतरी का प्रयास किया जायेगा. बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्तीय निगम के प्रबंध निदेशक दीवान जाफर हुसैन खां ने कहा कि यह विभाग की खुशकिस्मती है कि वह आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय जैसे बिहार के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के साथ जुड़कर काम कर रहा है. हमारा एकमात्र लक्ष्य अल्पसंख्यक समुदाय को प्रशिक्षित करना और उन्हें मुख्यधारा के रोजगार से जोड़ना है. अकादमिक प्रमुख डॉ मनीषा प्रकाश ने कहा कि आज तीन साल पहले शुरू किया गया प्रयास सफल हो रहा है इसलिए यह विभाग के लिए बहुत ही खास मौका है.
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