सीवान. जहरीली शराब पीने से मरे 28 लोगों का विसरा जांच के लिए मुजफ्फरपुर भेजा गया है. विसरा जांच के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चल सकेगा. बताते चलें कि पिछले सप्ताह भगवानपुर हाट, बसंतपुर व लकड़ी नबीगंज थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जहरीली शराब पीने से तकरीबन 52 लोगों की मौत हो गयी थी. इधर मृतकों का पोस्टमार्टम के दौरान ब्लड सेंपल और विसरा एफएसएल लैब में जांच के लिए सुरक्षित रख लिया गया था. विशेषज्ञों की माने तो विसरा की जांच से लोगों के मौत के कारण सहित अन्य जानकारी मिल सकेगी. पुलिस ने छापामारी में जहरीली शराब की पुष्टि की थी. हालांकि मृतकों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है. जिसके बाद मृतकों का विसरा जांच के लिए फोरेंसिक लैब मुजफ्फरपुर भेजा गया है. फोरेंसिक लैब के वैज्ञानिक यह पता लगाएंगे कि शराब में कौन सा केमिकल मिलाया गया गया था, जिससे लोगों की मौत के साथ ही आंख की रोशनी चली गयी थी. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा. बताते चलें कि पिछले सप्ताह भगवानपुर हाट, बसंतपुर व लकड़ी नबीगंज थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जहरीली शराब पीने से तकरीबन 52 लोगों की मौत हो गयी थी. जिला प्रशासन 28 लोगों की मौत की बात कह रहा है. आठ लोगों का सदर अस्पताल में इलाज हुआ और 13 लोगों की स्थिति गंभीर देखते हुए पीएमसीएच भेजा गया था. इधर जहरीली शराब कांड में विसरा की रिपोर्ट जांच में अहम माना जा रहा है. रिपोर्ट न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ एक मजबूत साक्ष्य बनेगी. रिपोर्ट के जरिए पता चलेगा कि जहरीली शराब में कौन-कौन से केमिकल शराब माफियाओं ने मिलाये थे. जांच में निकला था मिथनॉल- हादसे के बाद पुलिस ने आरोपियों की धर पकड़ का अभियान चलाया था. जिसमें जहरीली शराब से जुड़े तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है. वहीं पुलिस और आबकारी विभाग ने कार्रवाई के दौरान शराब बरामद की थी. इनके सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गये. प्राथमिक जांच में मिथनॉल की पुष्टि होने की बात सामने आई थी. इससे ही लोगों की जान गई यह जहरीला होता है .
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