II नीलांजय तिवारी II
Baba Siddique Murder Case: बाबा सिद्दिकी की हत्या में जिस ग्लोक पिस्टल का प्रयोग हुआ, वह आमतौर पर अमेरिका और यूरोप में प्रयुक्त होती है, जबकि अतीक-अशरफ की हत्या में जिगाना पिस्टल और जीवा की हत्या में मैग्नम .357 रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया गया. इन हथियारों की कीमत लाखों में होती है और यह ग्रे मार्केट में आसानी से उपलब्ध हैं, जो दर्शाता है कि अपराधी इन आधुनिक हथियारों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं, भले ही उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो.
अपराधियों की पृष्ठभूमि और उनका चयन
इन हत्याओं में शामिल अपराधियों का आपराधिक रिकॉर्ड मामूली था. बाबा सिद्दिकी और अतीक-अशरफ के हत्यारों का कोई गंभीर आपराधिक इतिहास नहीं था, जबकि जीवा की हत्या के आरोपी विजय यादव पर सिर्फ छोटे-मोटे अपराध के मुकदमे दर्ज थे. यह बताता है कि अपराधियों को विशेष तौर पर इसलिए चुना गया ताकि यह संगठित अपराध न लगे, बल्कि व्यक्तिगत कारणों से की गई हत्या लगे.
कम उम्र के अपराधी: एक सोची-समझी योजना
इन हत्याओं में शामिल अपराधी ज्यादातर युवा थे, जो या तो लालच, किसी मजबूरी या मानसिक धोखाधड़ी का शिकार बनकर इस रास्ते पर उतरे. इस प्रकार के अपराधियों का उपयोग यह सुनिश्चित करता है कि अपराध करवाने वाले मास्टरमाइंड अपनी पहचान को सुरक्षित रख सकें.
अपराध के पैटर्न की समानताएं: उत्तर प्रदेश से मुंबई तक
उत्तर प्रदेश और मुंबई में हुई इन हत्याओं का पैटर्न एक समान है—मिशन को अंजाम देने के लिए ऑटोमैटिक हथियारों का इस्तेमाल और कम उम्र के साधारण अपराधियों का चयन. यह एक गहरे षड्यंत्र का संकेत देता है, जिसकी व्यापक जांच की आवश्यकता है ताकि अपराधियों और अपराध करवाने वालों की असल साजिश को उजागर किया जा सके.
(ये लेखक के निजी विचार हैं)