साहिबगंज. संथाल परगना में ऊंचाई व भव्यता से लोगों को सम्मोहित करनेवाली साहिबगंज जिला मुख्यालय के गुल्लीभट्ठा बम काली मंदिर में प्रतिवर्ष स्थापित होनेवाली 16 फीट की मां बम काली की प्रतिमा लोगों की आस्था का केंद्र है. विसर्जन जुलूस में लाखों श्रद्धालु उमड़ते हैं. बम काली की भव्यता को देखने, आशीर्वाद लेने व पूजा-अर्चना व विसर्जन यात्रा में शामिल होने के लिए झारखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल के अलावा साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा, भागलपुर समेत अन्य जगहों से भक्त साहिबगंज पहुंचते हैं. इस वर्ष भी पूजा कमेटी के द्वारा बम काली की भव्य प्रतिमा व पर्यावरण संरक्षण पर आधारित पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है, जो आकर्षण का केंद्र रहेगा. एक माह पूर्व से होती है पूजा की तैयारी बम काली पूजा की तैयारी एक माह पूर्व से ही प्रारंभ हो जाती है. प्रतिमा के बनावट से लेकर विसर्जन जुलूस की तैयारी समिति के सदस्य एक माह पूर्व से ही शुरू करते हैं. प्रतिमा विसर्जन जुलूस में महानगरों से अलग-अलग कार्यक्रम करने के लिए कलाकारों को बुलाया जाता है, जो विसर्जन जुलूस के दौरान शहरवासियों के लिए आकर्षक का केंद्र रहता है. समिति के लोगों ने बताया कि बम काली मंदिर में 1930 से पूजा अर्चना हो रही है. मंदिर में प्रत्येक पूर्णिमा व अमावस्या को विशेष पूजा होती है. बम काली मंदिर को शक्ति काली के नाम से भी जाना जाता है. पूरी की तर्ज पर निकलता है रथ, खींचने की लगी रहती है होड़ मां बम काली की प्रतिमा की विसर्जन यात्रा एक दिन बाद दोपहर एक बजे मंदिर परिसर से गाजे-बाजे व पारंपरिक हथियार के साथ निकलती है. 16 फीट की भव्य बम काली की प्रतिमा का अपना वाहन है. खास बात यह है कि मां बम काली के रथ को रस्सी से खींचने के लिए साहिबगंज शहर सहित आस-पास के जिले के महिला, पुरुषों के अलावे बच्चे साहिबगंज पहुंच जाते हैं. रथ को खींचकर परिवार की सुख-शांति की कामना करते हैं. प्रतिमा विर्सजन यात्रा दोपहर एक बजे मंदिर परिसर से निकलती है, जो देर रात नगर भ्रमण कर स्थानीय गंगा तट पर पहुंचती है. जुलूस देखने के लिए जिले व आस-पास के क्षेत्र से भक्तों की भारी भीड़ जुटती है.
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