Bihar News: फिशिंग और साइबर फ्रॉड के लिए मशहूर झारखंड राज्य के जामताड़ा इलाके के बाद अब भागलपुर शहर के बीचों-बीच चल रहे साइबर फ्रॉड फिशिंग गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. साइबर अपराध के विरुद्ध भागलपुर पुलिस की ओर से की गयी यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार मामले में एडवर्टाइजमेंट फर्म के नाम पर चलाये जा रहे कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया गया है. जहां से पुलिस ने अब तक कुल 17 लड़कियों और 4 लड़कों को हिरासत में लिया है.
पश्चिम बंगाल का एक फिशिंग गिरोह था सक्रिय
बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल के एक फिशिंग गिरोह इस पूरे कॉल सेंटर का संचालन कर रहा था. भागलपुर में मौजूद इस गिरोह में एक राहुल नामक लड़का सहित पश्चिम बंगाल की रहने वाली छह लड़कियां शामिल हैं. देर शाम पुलिस की ओर से की गयी कार्रवाई के बाद देर रात तक दर्जनों एटीएम कार्ड, डेबिट/क्रेडिट कार्ड, बैंक पासबुक, नकद, ज्वेलरी, मोबाइल आदि को जब्त किया गया है.
पुलिस ने कुछ इस तरह शुरू की जांच…
मिली जानकारी के अनुसार नेश्नल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से भागलपुर पुलिस को लगातार कुछ नंबर आ रहे थे जिनसे साइबर फ्रॉड किये जा रहे थे. भागलपुर पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उक्त नंबरों को ट्रेस करना शुरू किया. तकनीकी और वैज्ञानिक अनुसंधान में पुलिस को जानकारी मिली कि उक्त सभी नंबर भागलपुर से ऑपरेट किये जा रहे हैं. जिसके बाद टॉवर लोकेशन और इंटरनेट वीपीएन नंबर के माध्यम से भागलपुर पुलिस घूरन पीर बाबा चौक स्थित मनाली होटल के पीछे चलाये जा रहे कॉल सेंटर तक पहुंच गयी.
पुलिस ने योजना बनाकर की छापेमारी
भागलपुर पुलिस ने योजना के तहत मंगलवार शाम एक विशेष टीम के साथ छापेमारी की. उक्त टीम में साइबर सह लाइन डीएसपी संजीव कुमार, सिटी डीएसपी अजय कुमार चौधरी सहित आधा दर्जन से अधिक पुलिस पदाधिकारी और दर्जनभर महिला व पुरुष सिपाही मौजूद थे. टीम ने उक्त कॉल सेंटर से कुल 17 लड़कियों को पकड़ा. जिनमें से गिरोह के संचालक टीम में शामिल पश्चिम बंगाल की छह लड़कियां भी शामिल हैं. इसके अलावा पुलिस ने चार लड़कों को पकड़ा है. जिनमें से एक भागलपुर में गिरोह चलाने वाला मास्टरमाइंड राहुल भी है.
लोकल लड़कियों को जॉब का झांसा दे कॉल सेंटर में रखने की बात आयी सामने
भागलपुर पुलिस की ओर से देर रात तक की गयी जांच में पकड़े गये सभी 17 लड़कियों और 4 लड़कों से पूछताछ की जाती रही. पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि फिशिंग गिरोह के सदस्यों ने एडवर्टाइजिंग कंपनी खोलने के नाम पर किराये पर जगह ली थी. जहां उन्होंने कॉल सेंटर खोला था. उक्त कॉल सेंटर में जॉब की वैकेंसी निकाली गयी. और स्थानीय लड़कियों को बहुत ही कम सैलरी पर हायर किया गया. उन्हें एडवर्टाइजिंग कंपनी होने का भी झांसा दिया गया. और उनसे साइबर फ्रॉड करने के लिए प्रलोभन भरे कॉल्स कराये जाते थे. हालांकि पुलिस मामले में इस बात की भी जांच कर रही है कि इतने दिनों से उक्त स्थान पर जॉब करने वाली लड़कियां आाखिर क्यों नहीं समझ सकी कि वे लोग क्या कर रही हैं.
इनाम का झांसा देकर मांगती थीं ओटीपी
मिल रही जानकारी के अनुसार जिस फिशिंग गिरोह का पर्दाफाश हुआ है वह ठीक उसी तरह से संचालित किया जाता था जिस तरह लोगों को प्रलोभन भरे कॉल्स आते थे. शिकार यानी लोगों को आसानी से फांसने के लिए लड़कियों से कॉल कराये जाते थे. जोकि लोगाें को कॉल कर आकर्षक लोन व बैंक योजना आदि की जानकारी देने के साथ साथ किसी ट्रांजेक्शन को लेकर इनाम में एलसीडी टीवी व अन्य महंगे व लग्जरी प्रोडक्ट्स जीतने का झांसा दे ओटीपी ले लेते थे. भागलपुर में इस तरह का फिशिंग कॉल सेंटर का खुलासा होने के बाद पूरे शहर में यह चर्चा का विषय बना रहा.
मामले में पुलिस खंगाल रही फॉरवर्ड व बैकवर्ड लिंकेज
मामले में गिरफ्तार किये गये फिशिंग गिरोह के मास्टरमाइंड राहुल और अन्य छह लड़कियों से मामले में गहन पूछताछ की जा रही है. बताया जा रहा है कि उक्त सभी मुख्य संचालकों के जरिये भागलपुर पुलिस जिला, राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश में इस गिरोह के सदस्यों और जुड़े लोगों तक पहुंचने के फिराक में है. देर रात तक की जांच में भागलपुर पुलिस को झारखंड और पश्चिम बंगाल कनेक्शन मिल चुका है.
बोले डीएसपी…
”लोगों को कॉल कर प्रलोभन देने वाले साइबर अपराधियों के गिरोह तक भागलपुर पुलिस पहुंची है. मामले में करीब दो दर्जन लड़के और लड़कियों से पूछताछ की जा रही है. साइबर अपराधियों का इस नेटवर्क के भागलपुर ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों व राज्यों में फैले होने के बिंदु पर भी जांच की जा रही है. कई एटीएम कार्ड व मोबाइल फोन की जब्ती की गयी है. जल्द ही पूरे मामले में से पर्दा उठाया जायेगा.”
– संजीव कुमार, डीएसपी, लाइन सह साइबर, भागलपुर.