12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand Election 2024: लातेहार के इस गांव में बरसात के दिनों में बच्चे नहीं जा पाते स्कूल

Jharkhand Election 2024: लातेहार का उदालखांड़ गांव बरसात के दिनों में टापू बन जाता है क्योंकि गांव से पहले एक नदी पड़ती है. लेकिन उस नदीं में पुल नहीं बना है. इसलिए ग्रामीणों ने इस बार वोट बहिष्कार का ऐलान किया है.

Jharkhand Election 2024, लातेहार : लातेहार जिले के महुआडांड प्रखंड की परहाटोली पंचायत के उदालखांड़ गांव में आज भी मूलभूत सुविधाओं की कमी है. आजादी के 77 साल बाद भी इस गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है. गांव के लोग जंगल के रास्ते नदी पार कर आते-जाते हैं. वहीं, गांव में बिजली का पोल तो गाड़ा गया है, लेकिन तार नहीं लगाया गया है. इस कारण लोग बिजली से भी वंचित हैं.

पुल नहीं रहने से बच्चे बरसात में नहीं जा पाते हैं स्कूल

लातेहार के उदालखांड़ गांव में लगभग 50 घर हैं. यहां की आबादी दो सौ से अधिक है. गांव में आदिम जनजाति और यादव समाज के परिवार निवास करते हैं. प्रखंड मुख्यालय से उदालखाड़ गांव की दूरी सिर्फ नौ किलोमीटर है. शाहपुर गांव स्थित मुख्य रोड से उदालखाड़ गांव तीन किलोमीटर अंदर जाना पड़ता है. गांव से पहले एक नदी पड़ती है, जिस पर पुल नहीं बना है. बरसात में गांव टापू बन जाता है. बरसात में गांव के बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं, क्योंकि नदी में पानी रहता है. गांव में स्कूल भी नहीं है. शाहपुर मध्य विद्यालय या संत जोसेफ स्कूल में बच्चे पढ़ते हैं.

झारखंड विधानसभा चुनाव से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Also Read: Jharkhand Chunav 2024: 1980 के बाद इस सीट से पहली बार BJP प्रत्याशी नहीं लड़ेंगे चुनाव, 5 बार दर्ज की है जीत

मतदान का बहिष्कार करेंगे ग्रामीण

ग्रामीण रामचंद्र यादव ने बताया कि हमलोगों ने इस बार विकास के मुद्दे को लेकर विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. देश को आजादी मिले 77 साल हो गये, लेकिन अभी तक सड़क, पानी, पुल, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं हमें मयस्सर नहीं हैं. गांव में बिजली का पोल गाड़ा गया है, लेकिन तार नहीं लगाया गया है. बिजली विभाग को इसकी जानकारी दी गयी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है. प्रसिद्ध यादव ने कहा पहले उग्रवाद को विकास में बाधक बताया जाता था. लेकिन, अब तो स्थिति सामान्य है. बावजूद इसके गांव में सरकारी योजना नहीं चल रही हैं. बीमार पड़ने पर गांव में एंबुलेंस नहीं पहुंचती है. गंभीर मरीज को कंधे पर लेकर नदी पार कर रोड तक लाया जाता है.

चुआं का पानी पीते हैं ग्रामीण

जल जीवन मिशन के तहत गांव में चार जलमीनार लगायी गयी है. लेकिन, लगने के साथ ही जलमीनार खराब हो गयी है. इस कारण पेयजल के लिए यहां के लोग नदी पर आश्रित हैं. नदी के रेत में चुआं खोदकर पानी पीते हैं. शिव शंकर यादव, कमेश यादव, चंद्रमणी देवी, संकुति देवी, सुरेंद्र मुंडा, प्रदीप कोरवा, लालदेव कोरवा, हमशू कोरवा, बीरेन्द्र कोरवा, लाल मनी, अनिता, प्रमिला देवी, श्रवण यादव व रामजी यादव ने कहा कि महुआडांड़ अनुमंडल कार्यालय में गांव की समस्या दूर करने के लिए आवेदन दिया गया है. कई बार जनप्रतिनिधियों को आवेदन देकर गांव की समस्या से अवगत कराया गया. लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई है. सिर्फ आश्वासन मिलता रहा है.

झारखंड विधानसभा चुनाव से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Also Read: Jharkhand Assembly Election: यह थीं पहली आदिवासी महिला विधायक, इनकी वजह से महिलाओं को आज भी मिलती है प्रेरणा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें