बेतिया.अभाविप के कार्यक्रम में छात्रों को शामिल होने के विवादित निर्देश को एमजेके कॉलेज प्रशासन ने वापस ले लिया है. जारी नये निर्देश में कहा गया है कि यह कार्यक्रम कॉलेज का नहीं है. इसमें छात्रों को शामिल होने की कोई बाध्यता नहीं है. जबकि पूर्ववर्ती आदेश में इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर आंतरिक मूल्यांकन से 10 नंबर काटने की सूचना जारी कर दी गई थी. इसको लेकर छात्र संगठनों में उबाल था. इसी मुद्दे को लेकर बुधवार को एनएसयूआई की ओर से कॉलेज परिसर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान एनएसयूआई ने कॉलेज के प्राचार्य ऑफिस और एडमिनिस्ट्रेशन ऑफिस में तालाबंदी किया. प्रदर्शन की अध्यक्षता प्रदेश कार्यालय प्रभारी हरिअक्ष कमल और तौक़ीर अजीज ने संयुक्त रूप से की. हरिअक्ष कमल ने कॉलेज प्रशासन पर विद्यार्थी परिषद, संघ और भाजपा का पक्ष लेने का आरोप लगाया. तौकीर अज़ीज ने तमाम आरोप मढ़े और कॉलेज प्रशासन पर संघ के पक्ष लेने का आरोप लगाया. प्रदर्शन में एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष राजमणि मिश्रा, अनीश मिश्रा, विकाश कुमार, सिद्धार्थ शुक्ला सचिन कुमार समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे.
त्वरित कार्रवाई से वापस लिया फैसला: प्राचार्य
कभी कभी लापरवाही एक गंभीर समस्या बन जाता है. यद्यपि कार्यक्रम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा आयोजित किया जा रहा है लेकिन विमर्श का विषय ””””विकसित भारत और युवा”””” रखा गया है. हम इस अवसर को अपने छात्र/छात्राओं के शैक्षणिक विकास के उद्देश्य से कार्यक्रम में शामिल होने की स्वैच्छिक अपील के लिए सूचना बनाने का मौखिक आदेश अपने कम्प्यूटर आपरेटर को दिया था. सूचना साइन करने के समय भीड़ में रहने के कारण बिना पढ़े ही कर दिया, जो हमारे छात्र/छात्राओं एवं छात्र नेताओं के कन्फ़्यूजन का कारण बन गया. छात्र नेताओं के द्वारा यह सूचना संज्ञान में लाया गया तो मैंने त्वरित कार्रवाई करते हुए उस सूचना को वापस ले लिया गया है और छात्र/छात्राओं को स्वेच्छा से जाने की अपील की गई. महाविद्यालय के सूचना से यदि किसी छात्र/छात्राओं या नेताओं की भावना आहत हुई है तो हमें खेद है. प्रो डॉ आरके चौधरी, प्राचार्य एमजेके कॉलेजडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है