दाउदनगर. भाकपा माले द्वारा पटना में 27 अक्तूबर को आयोजित बदलो बिहार न्याय सम्मेलन की सफलता को लेकर 16 से 25 अक्तूबर तक निकाली गयी बदलो बिहार न्याय यात्रा दाउदनगर पहुंची. दाउदनगर शहर में रामनगर से पदयात्रा की शुरुआत की गयी. पदयात्रा का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव व काराकाट सांसद राजाराम सिंह व माले जिला सचिव मुनारिक राम ने किया. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास, मौलाबाग रोड, संसा, रेपुरा, मखरा में नुक्कड़ सभाएं आयोजित हुई. न्याय यात्रा सिहाड़ी होते हुए पचरुखिया के लिए रवाना हुई. काराकाट सांसद राजाराम सिंह ने कहा कि न्याय के साथ विकास का नारा देकर नीतीश सरकार सत्ता में आई थी.सरकार के सर्वे ने इस वायदे की पोल खोल कर रख दी है. बिहार में 34 प्रतिशत ऐसे परिवार हैं, जिनकी आमदनी छह हजार से कम है और 10 हजार से कम आमदनी वाले परिवारों की संख्या 63 प्रतिशत है. सवाल उठ गया कि विकास की जो भी राशि आ रही थी, वह क्या हो गया और कहां जा रही थी. गरीबों को न्याय चाहिए, उनका हक चाहिए. बिहार के गरीबों को जगाने के लिए यह न्याय यात्रा निकाली गयी है. बिहार को न्यायपूर्ण बिहार बनाने का संकल्प लें. बिहार को बदले बगैर न्यायपूर्ण बिहार नहीं बनेगा. मौके पर माले के राज्य स्थायी समिति सदस्य अनवर हुसैन, पूर्व जिला सचिव जनार्दन प्रसाद सिंह, प्रखंड सचिव चंद्रमा पासवान, टाउन सचिव बिरजू चौधरी, खेग्रामस नेता राजकुमार भगत, नरेंद्र कुमार, पिंटु सिंह आदि नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे.
माले ने गरीबों के सवाल को उठाया
रामनगर में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए सांसद ने कहा कि हमेशा भाकपा माले ने गरीबों के सवाल को उठाया है. महागठबंधन सरकार में मंत्री पद भी नहीं लिया. माले विधायकों द्वारा न्यायपूर्ण सवालों को विधानसभा में उठाया जा रहा है. पूरी पार्टी सड़क पर संघर्ष करती रही. राजनीति में परिवारवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि देश में इसकी सबसे अगुवा पार्टी भाजपा है. इसका समाज पर एक प्रभाव है. इसमें दो-तीन बातें हैं. एक तो है कि सिर्फ परिवार का होने के नाते किसी को खड़ा करना और दूसरा है कि अगर उसने राजनीतिक पोजीशन बना लिया है और समाज ने उसे स्वीकार कर लिया है, उसको खड़ा करना. दोनों में फर्क है. माले परिवारवाद की पार्टी नहीं है. माले का छात्र व यूथ संगठन में जो अगली पीढ़ी है, वही हमारा परिवार है. हम मानते हैं कि नौजवानों पर देश का भविष्य है और उन्हें जगह देना होगा. विधानसभा उपचुनाव पर उन्होंने कहा कि शाहाबाद और मगध के इलाके खासकर सोन के किनारे के एनडीए का सुपड़ा साफ हो गया है. दाउदनगर को जिला बनाने के पक्ष में सवाल के जवाब में श्री सिंह ने कहा कि जो -जो सवाल जनता के आ रहे हैं, उन्हें जिला की लिस्ट में शामिल किया जा रहा है. रेलवे से संबंधित अधिक मांगे थी. बिहटा-औरंगाबाद रेलवे लाइन का मामला उठाया. कई रेलवे स्टेशन एवं हॉल्ट पर कोरोना के पहले रेल ठहराव होता था, जिसे बंद कर दिया गया. उसे चालू करने का मामला उठाया गया.
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