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‘प्रधानमंत्री जी ऑनलाइन गेम बंद हो..मेरे पास मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं…’ बिहार के युवक की मार्मिक अपील

बिहार के किशनगंज निवासी एक युवक घर छोड़कर भाग गया है. उसने ऑनलाइन गेम खेलकर अपनी मां के पैसे बर्बाद किए. अब उसने प्रधानमंत्री से भी मार्मिक अपील की है. जानिए क्या लिखा है.

ऑनलाइन गेम की लत ने एक युवक को खुदकुशी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है. प्रभात खबर को एक युवक ने मेल के जरिए अपना दर्द बयां किया है. बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज के आश्रम पारा के रहने वाले विक्की चौधरी नाम के युवक का यह मेल प्रभात खबर को मिला. jaiswalvicky312@gmail.com मेल आइडी से आया विक्की का यह मेल बेहद मार्मिक है. इस मेल में उसने लिखा है कि उसने अपनी मां को धोखा दिया. ऑनलाइन गेम की लत ने उसे बर्बाद कर दिया. अपनी मां के लोन के पैसे उसने गेम में गंवा दिए. वह चार महीने से घर छोड़कर भागा हुआ है.

मौत के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा…

विक्की ने प्रभात खबर को भेजे मेल में लिखा है कि अब मेरे लिए मौत के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है. क्योंकि मैं चार महीने से घर से भागा हुआ हूं. मैं बहुत डरा हुआ हूं. अब मैं अपनी जिंदगी पूरी तरह से हार चुका हूं. मैंने अपनी मां को धोखा दिया है. इससे बड़ा पाप दुनिया में कोई नहीं है. मेरी मां खून के आंसू रो रही है, क्योंकि मेरी मां ने यह कहकर ग्रुप लोन लिया था कि मैं कुछ काम धंधा करूंगा. लेकिन ऑनलाइन गेमिंग में मैं दो लाख रुपए हार गया हूं और अब मरने के अलावा मेरे पास कोई रास्ता नहीं है.

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मैं मरने जा रहा हूं….

विक्की ने मेल में लिखा कि मेरी मम्मी पिछले 4 महीने से कई लोगों से कर्ज लेकर ईएमआई भरी है. मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी अच्छी नहीं है. पिता भी नहीं हैं. मैं मरने जा रहा हूं. मैंने घर छोड़ दिया है. अब कोई रास्ता नहीं है. मैंने कई जगह काम किया है. मुझे होटल में साफ सफाई करने का काम भी मिला. लेकिन मैं उतना भारी काम नहीं कर सका. अब मेरे पास कोई उपाय नहीं है. आप लोगों से मेरी एक विनती है. क्या आप मेरी मम्मी के नाम पर ग्रुप लोन माफ कर देंगे. मैं आपका हमेसा आभारी रहूंगा.

पिछले चार महीने से जैसे-तैसे खाना खा रहा…

विक्की ने मेल में आगे लिखा कि यहां मुझे यह कहना होगा कि मेरा परिवार मुझे माफ नहीं करेगा. मैंने ट्वीटर पर कई लोगों को ट्वीट किया है. लेकिन जबतक मैं उस बिंदु पर नहीं पहुंचा, जहां मैंने प्रधानमंत्री को ट्वीट किया था. तबतक किसी से कोई मदद नहीं मिली. ट्वीट किया लेकिन कोई जवाब नहीं आया. आप लोगों से बस यही विनती है कि मेरी मम्मी का कर्ज माफ कर दिजिए. मम्मी भी टेंशन में है और पिछले चार महीने से हर स्टेशन पर, गुरुद्वारे में, बस स्टैंड पर जैसे तैसे मैं खाना खा रहा हूं. अब मैं सक्षम नहीं हूं.

प्रधानमंत्री जी से कहना चाहूंगा…

विक्की ने लिखा कि सारा समय बर्बाद हो गया है. बस आप सबसे यही कहना चाहूंगा कि मेरी मम्मी एक मदद से तो जी लेगी. प्रधानमंत्री जी से कहना चाहूंगा कि ऑनलाइन गेमिंग बंद होना चाहिए. क्योंकि ऑनलाइन गेमिंग का आखिरी रास्ता मौत है. उसी रास्ते पर मैं आ गया हूं. मुझे माफ करना मम्मी…..

नोट: प्रभात खबर को विक्की का मिला मेल बेहद मार्मिक है. विक्की से प्रभात खबर आग्रह करता है कि कोई आत्मघाती कदम नहीं उठाए. दुनिया में ऐसी कोई समस्या नहीं, जिसका समाधान नहीं है. आपके नहीं होने से आपकी मां का दुख और बढ़ेगा. हम यहां समाज के उन लोगों से भी आग्रह करते हैं कि जिन्होंने विक्की की मां को ग्रप लोन दिया है वो विक्की को एक मौका दें. विक्की को अपनी गलती का एहसास है. किसी की जिंदगी दो लाख रुपए से अधिक किमती है. आप सभी के सहयोग से विक्की नयी जिंदगी जी सकता है.

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