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आशा का एकदिवसीय कालाजार प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित

कालाजार रोग के प्रति जागरूकता और उसके प्रबंधन को सशक्त बनाने के लिए जिले के पोठिया प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा का एकदिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गयी.

किशनगंज.जिले में कालाजार रोग के प्रति जागरूकता और उसके प्रबंधन को सशक्त बनाने के लिए जिले के पोठिया प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा कार्यकर्ताओं का एकदिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गयी. कार्यक्रम में वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार रोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी और उन्हें रोग के लक्षण, उपचार एवं रोकथाम के उपायों के बारे में भी जागरूक किया. उक्त कार्क्रम में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एवं अविनाश राय, प्रभारी,VBD सलाहकार उपस्थित हुए .

प्रशिक्षण का उद्देश्य

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार रोग के प्रति जागरूक करना और उन्हें इस रोग के प्रबंधन में कुशल बनाना था. प्रशिक्षण के दौरान उन्हें बताया गया कि कैसे वे ग्रामीण समुदायों में कालाजार के लक्षणों की पहचान कर सकते हैं और समय पर उचित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकते हैं. इसके साथ ही, आशा कार्यकर्ताओं को रोग के उपचार और सरकारी सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी गई.

वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम का वक्तव्य:

डॉ. मंजर आलम ने कहा, “कालाजार एक गंभीर वेक्टर जनित रोग है. जिसे समय पर पहचान कर उचित उपचार की आवश्यकता होती है. आशा कार्यकर्ता ग्रामीण समुदायों में इस रोग के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. कार्यशाला का उद्देश्य उन्हें कालाजार के बारे में जागरूक करना और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी देनी है.

सरकारी सुविधाओं की जानकारी

कार्यशाला में आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार के उपचार के लिए मिलने वाली सरकारी सुविधाओं के बारे में भी बताया गया. उन्हें सरकार द्वारा कालाजार रोगियों को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं, दवाएं और अस्पताल में भर्ती की सुविधा प्रदान की जाती है. इसके अलावा, इस रोग के उपचार के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ ग्रामीण जनता उठा सकती है.

कालाजार रोग के लक्षण और रोकथाम

कार्यशाला के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार रोग के लक्षणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी. डॉ. आलम ने बताया कि इस रोग के प्रमुख लक्षणों में लगातार बुखार, वजन कम होना, तिल्ली और जिगर का बढ़ना, और खून की कमी शामिल हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इस रोग के प्रसार को रोकने के लिए मच्छरदानी का उपयोग, घरों के आसपास सफाई रखना, और संभावित संक्रमण स्थलों का नियमित निरीक्षण करना महत्वपूर्ण है.

आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका

आशा कार्यकर्ताओं का इस कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान होता है. वे ग्रामीण समुदायों में जाकर लोगों को कालाजार के प्रति जागरूक कर सकते हैं और उन्हें समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. उनकी सक्रियता से न केवल रोग के प्रसार को रोका जा सकता है, बल्कि समुदाय में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच भी बढ़ाई जा सकती है.

रोग के प्रभावी नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

भीबीडी सलाहकार अविनाश रॉय ने बताया की इस एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला ने आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार रोग के प्रति जागरूक किया और उन्हें इस रोग के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सशक्त बनाया. डॉ. मंजर आलम के मार्गदर्शन में, इस कार्यक्रम ने ग्रामीण समुदायों में कालाजार के प्रति जागरूकता फैलाने और रोग के प्रभावी नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया. भविष्य में इस प्रकार के और कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है ताकि समाज में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाई जा सके और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी जा सकें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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