बक्सर. जिले में एक अगस्त से जमीन सर्वे का काम चल रहा है. लेकिन प्रथम चरण में जो काम करना था, उस काम को एक माह पहले ही पूरा कर लिया गया है. अब दूसरे चरण में सभी रैयतों का खतियान विशेष सर्वे विभाग के वेबसाइट पर अपलोड करने का काम शुरू कर दिया गया है. लेकिन विभाग के पास अभी तक महज 30 प्रतिशत ही प्रपत्र दो जमा हुआ है. दूसरे चरण के लिए रैयतों से जमीन के कागजात लिये जा रहे हैं. वर्तमान समय में दूसरे चरण के भूमि सर्वे का कार्य चल रहा है. पहले चरण में जिले के ग्रामीण क्षेत्र के सभी मौजा में प्रचार-प्रसार व प्रपत्र दो जमा करने का काम किया गया. वही अब दूसरे चरण में तेरेज लेखन व खतियान को स्कैन कर विभाग के वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है ताकि रैयत के द्वारा जमा किया गया. खतियान आसानी से मिलान किया जा सकें. जिसमें अब तक मुश्किल से 30 प्रतिशत रैयतों ने अपने कागजात जमा किए हैं. बाद में ऐसे रैयतों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.रैयतों के लिए बेहतर होगा कि वे जल्द से जल्द अपने जमीन के बंटवारे, वंशावली और एक खास तया का घोषणा पत्र भरकर दे दें. ताकि उनके जमीन के सर्वे का काम आगे बढ़ाया जा सके.खास बात यह है कि जमीन के नाम से ही जमा होंगे.जिसके बाद सर्वे टीम खुद हर घर जाकर नक्शा मिलाएगी. सारे कागजात पूरे. होने के बाद ही रिपोर्ट होगा. सर्वेक्षण से पहले मेड को ठीक करना है जरूरी : भूमि सर्वेक्षण के समय रैयत सभी कर ले अपना मेड दुरुस्त. भूमि का सर्वेक्षण होने से रैयतों को अपना मालिकाना हक मिल जाएगा.बताया गया कि भूमि सर्वेक्षण के समय रैयतों का दायित्व है कि वे अपनी भूमि को सीमांकन कर लें, मेडो को ठीक कर लेना है.नहीं तो सर्वे के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.हो सकता है कि विवादित जमीन को भी सकते हैं.अपने खेतों की चौहद्दी की सही जानकारी होनी चाहिए.ग्राम सभा में उपस्थित होकर बंशावली सत्यापन सहित सभी कामों में सर्वेक्षण कर्मियों को मदद अवश्य करें. भूमि सर्वेक्षण से संबंधित प्रपत्र दो ऑनलाइन व ऑफलाइन भी जमा कर सकते हैं.किश्तवार व खानापूरी के समय भूमि के समीप रहकर सर्वेक्षण कार्य को सहयोग करना है.रैयतों के हित में ही हो रहा है. लेकिन विशेष सर्वे के लिए रैयत से प्रपत्र दो मागा जा रहा है इसके लोग अमीन पंचायत में कैप कर रहे हैं. कैप करने के बावजूद आवेदन कम प्राप्त किये जा रहे हैं. भूमि सर्वे के लिए चार कागजात जरूरी जमीन मालिकों से अपील की गई है कि वे अपने आवेदन के साथ जमीन के मालिकाना हक से जुड़े कागजात, जैसे कि रजिस्ट्री, वसीयत, रसीद और खतियान की कॉपी भी लगाये. जमीन मालिक अपना आवेदन खुद भी विभाग की वेबसाइट पर या किसी भी सीएसपी केंद्र के जरिए अपलोड कर सकते हैं.अगर बाद में कोई और कागजात देना हो, तो वे उसे अपने अंचल के सर्वे शिविर कार्यालय में आवेदन और मोबाइल नंबर के साथ जमा कर सकते हैं. भूमि सर्वे के लिए जमीन की रजिस्ट्री के कागजात, वसीयत के कागजात, जमीन की राजस्व रसीद व सखतियान की कौपी जरूरी होंगे.बताया गया है कि नया यखतियान बनने के बाद, लोगों को अगर कोई आपत्ति हो तो ये सर्वे शिविर कार्यालय में जाकर अपनी बात रख सकते हैं.सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी ने सभी से अपील की है कि ये आखिरी तारीख का इंतजार न करें और अपने जमीन से जुड़े सभी कागजात और घोषणा पत्र जल्द से जल्द जमा करवा दें.खास तौर पर, जिन लोगों के कागजात तैयार हैं, उन्हें तुरंत फॉर्म जमा करने को कहा गया है. इस काम में लोगों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है. समय खत्म होने के बाद भी लिया जा रहा आवेदन जिन लोगों के पास जमीन के कागजात नहीं हैं, उनके लिए जमीन के कागजात जमा करने की तारीख बढ़ा दी गयी है. उनसे कहा गया है कि वे भीड़ से बचने के लिए अपने जमीन के कागजात, जैसे कि खाता संख्या, खेसरा संख्या और जमीन का क्षेत्रफल अंचल के सर्वे शिविर कार्यालय में जमा करवा दें. हालांकि विभागीय सूत्रों के माने तो इसको लेकर निर्धारित तिथि सितम्बर में ही खत्म हो चुका है. लेकिन सरकार के मंत्री व अन्य नेताओं द्वारा कागजात जमा करने की तिथि 30 तक बढ़ायी गयी है, लेकिन अब तक इसको लेकर विभागीय कार्यालयों में कोई लिखित निर्देश नहीं आया है.
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