Bihar News: भागलपुर में साइबर फ्रॉड व फिशिंग गिरोह मामले की खुलासा हुआ है कि जिन लड़कों और लड़कियों को कॉल सेंटर में हायर किया जाता था उन्हें गुमराह कर कॉल कराया जाता था. ऐसी करीब एक दर्जन लड़कियां पकड़ी गयी, जो ग्राहकों को कॉल करती थी. जीशान अली उर्फ राहुल गुप्ता के साथ पश्चिम बंगाल से आयी छह लड़कियों को इस पूरे खेल की जानकारी थी. उनमें से एक जीशान की पत्नी और एक हुसैनपुर निवासी मो छोटू की गर्लफ्रेंड भी थी.
ट्यूशन व कोचिंग सेंटरों के स्टूडेंट को झांसे में लेते थे
छोटू का काम था कि वह शहर के कुछ ट्यूशन व कोचिंग सेंटरों में जाकर वहां छात्र-छात्राओं को पार्ट टाइम जॉब करने का ऑफर देता था. इसके बाद लड़कियां इंटरव्यू के लिए घूरन पीर बाबा चौक के समीप कार्यालय आती थी. जीशान की पत्नी उनका इंटरव्यू लेकर उनके कम्युनिकेशन स्किल को देख 10-12 हजार रुपये की सैलरी पर नौकरी देती थी. इंटरव्यू के बाद उन्हें ग्राहकों से बात कर उन्हें प्रलोभन देने का प्रशिक्षण भी दिया जाता था. हालांकि बहाल हुई लड़कियां इस बात से अनभिज्ञ थी कि वे लोग साइबर फ्रॉड के गिरोह में शामिल हैं.
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ऐसे ऐंठे जाते थे पैसे…
लड़कियों को नंबर, प्रोडक्ट का नाम और अन्य डिटेल उपलब्ध करा कॉल करवाया जाता था. कस्टमर के प्रलोभन में आने के बाद वह लड़कियां उक्त कॉल्स को गिरोह की पश्चिम बंगाल की लड़कियां को ट्रांसफर कर देती थी. कभी पांच हजार रुपये का गिफ्ट कार्ड लेने पर आईफोन देने तो कभी महंगे गिफ्ट हैंपर और हॉलिडे पैकेज देने का प्रलोभन देकर पैसे ऐंठे जाते थे.
खाते में पैसे आते ही गिरोह के बीच हो जाते थे वितरित
जांच में पता चला कि बैंक खाता ट्रांसफर होते ही गिरोह में शामिल दो लड़कों का काम था कि फ्रॉड से आये पैसों को एटीएम या चेक बुक के माध्यम से निकासी करना. पैसे ट्रांसफर होते ही उक्त दोनों सदस्य उक्त बैंक खाता के फ्रिज होने से पहले ही खातों से पैसों को निकासी कर गिरोह के सदस्यों के बीच निकासी कर लेते थे. उक्त पैसों से गहनों या महंगे सामानों की शॉपिंग भी की जाती थी. कॉल सेंटर को फर्जी विज्ञापन एजेंसी के नाम से चलाया जा रहा था. रेड क्रॉस रोड निवासी मकान मालिक राजन कुमार की पत्नी से 22 हजार रुपये प्रति माह के किराये पर कार्यालय के लिए कमरा लिया गया था. वहीं उक्त कॉल सेंटर का ब्रांच खोलने के लिए गिरोह संचालक जीशान अली ओएलएक्स के जरिये एक और कार्यालय किराये पर ढूंढ रहा था. ओएलएक्स के जरिये ही उसने रेंटर ब्रोकर ललन कुमार से संपर्क भी किया था.
आसनसोल से भागलपुर शिफ्ट हुआ गिरोह
शहर में घूरन पीर बाबा चौक पर फिशिंग गिरोह पकड़ाने के मामले में गुरुवार को पुलिस ने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी. मामले में पुलिस ने करीब दो दर्जन लोगों से हिरासत में लेकर पूछताछ की. 10 लोगों की गिरफ्तारी की गयी. वहीं अन्य लोगों की भूमिका स्पष्ट नहीं होने और जांच जारी रहने की बात कह कर उन्हें फिलहाल छोड़े जाने की बात कही गयी. पुलिस ने बताया कि यह फिशिंग गिरोह आसनसोल से आया था. कुछ माह पूर्व आसनसोल पुलिस द्वारा उनके सेंटर पर छापेमारी की गयी थी. इसके बाद पूरा गिरोह भागलपुर आ गया था. यहां पर ट्यूशन व कोचिंग सेंटर से पार्ट टाइम जॉब देने के बहाने युवक/युवतियों की बहाली की जाती थी. उन्हें अंधेरे में रखकर उनसे फिशिंग कराया जाता था. अब तक की जांच में यह बात स्पष्ट हुई है कि भागलपुर में रहकर उक्त गिरोह ने करीब डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी की थी. इनमें से चार मामले में कुल दो लाख 69 हजार 604 रुपये की ठगी की गयी थी. इसकी शिकायत पर भागलपुर पुलिस ने कार्रवाई की थी.