विधि संवाददाता,पटना आयुष चिकित्सा अधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिए चयनित किए गए 1328 अभ्यर्थियों के चयन को चुनौती देने वाली रिट याचिका को पटना हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस पद पर नियुक्त उम्मीदवारों को इस केस में प्रतिवादी नहीं बनाया गया है.न्यायमूर्ति नानी तागीया की एकलपीठ ने मुकेश कुमार की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. गौरतलब है कि गत 21 फरवरी को जारी आयुष चिकित्सा अधिकारी के परिणाम को याचिकाकर्ता द्वारा चुनौती दी गयी थी .याचिका में कहा गया था कि बिहार पदों और सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण और शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए) अधिनियम, 2019 के साथ-साथ केंद्र सरकार द्वारा जारी आरक्षण से संबंधित अधिसूचना का उल्लंघन कर यह परिणाम जारी किया गया है. बिहार तकनीकी सेवा आयोग की ओर से जारी परिणाम को रद्द करने की मांग कोर्ट से की गईयी थी. कोर्ट ने कहा कि आयुष चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिए चयनित 1328 उम्मीदवारों को इस केस पक्षकार नहीं बनाया गया है ऐसे में चयनित अभ्यर्थियों को बिना सुने कोई निर्णय देना कानून सही नहीं है.
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