Health: देश में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच आम लोगों तक सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है. बुनियादी शिक्षा पाना हर नागरिक का बुनियादी अधिकार है. लेकिन व्यावसायिक शिक्षा एक विशेषाधिकार है जो समाज केवल कुछ लोग ही हासिल कर पाते हैं. स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पेशेवरों का समाज के हित में अहम योगदान है. देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पेशेवरों की है और ऐसे पेशेवरों के सहयोग से ही विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंद्ध यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस) के 53वें स्थापना दिवस समारोह और दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार हर एमबीबीएस छात्र पर 30-35 लाख रुपये खर्च करती है, ऐसे में नये डॉक्टरों को पेशेवर करियर की शुरुआत अधिक जिम्मेदारी से करनी चाहिए. केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में किए गए बदलाव की जानकारी देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा को केवल उपचारात्मक दृष्टिकोण से देखने के बजाय समग्र दृष्टिकोण से देखे जाने की जरूरत है.
स्वास्थ्य सेवा के विस्तार के लिए उठाए गए कदम
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए पिछले 10 साल में कई कदम उठाए गए है. पिछले 10 साल में 22 एम्स, नए मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की गयी है. एमबीबीएस और एमडी सीटों में 100 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है. आने वाले पांच साल में सरकार की कोशिश 75000 नये मेडिकल सीट जोड़ने का लक्ष्य रखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिश आम लोगों तक सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की पहुंच सुनिश्चित करना है. कार्यक्रम के दौरान 146 एमबीबीएस छात्रों, 145 एमडी, एमएस छात्रों, 17 बीएससी (एमटी) रेडियोलॉजी छात्रों और 4 एमएससी (आरएंडएमआईटी) छात्रों को डिग्री दी गयी और 62 पुरस्कार प्रदान किए गए.
इस मौके पर दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेज प्रोफेसर बलराम पाणि, यूसीएमएस के शासी निकाय के अध्यक्ष और गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर महेश वर्मा, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के सचिव और उप महानिदेशक (चिकित्सा शिक्षा) प्रोफेसर बी श्रीनिवास, दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) के रजिस्ट्रार और दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के निर्वाचित अध्यक्ष डॉक्टर गिरीश त्यागी, यूसीएमएस की प्रिंसिपल डॉक्टर अमिता जुनेजा और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.