दाउदनगर. दीपावली का त्योहार मिट्टी के दीये से जुड़ा है. यह हमारी संस्कृति में रचा-बसा है. आधुनिकता की आंधी में हम अपनी पौराणिक परंपरा को छोड़कर दीपावली पर बिजली की लाइटिंग के साथ तेज ध्वनि वाले पटाखे चलाने लगे हैं. दो दशक से कृत्रिम लाइटों का क्रेज बढ़ा है. इससे एक ओर जहां मिट्टी के कारोबार से जुड़े कुम्हार के घरों में अंधेरा रहने लगा, तो ध्वनि व वायु प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे को अपना कर मनुष्य ने अपने जीवन को ही खतरे में डाल दिया. अपनी परंपराओं से दूर होने के कारण ही कुम्हार समाज के लोग अपनी पुस्तैनी धंधे से दूर होने लगे हैं और दूसरे रोजगार पर निर्भर होने लगे हैं. इन परिस्थितियों को देखते हुए इस दीपावली में हमें मिट्टी के दिया जलाने का संकल्प लेना है. इसी उद्देश्य के साथ प्रभात खबर दीया मिट्टी का जलाएं-पर्यावरण बचाएं अभियान के तहत दाउदनगर शहर के नव ज्योति शिक्षा निकेतन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. शिक्षकों व छात्र-छात्राओं ने मिट्टी के दीये जलाने व पटाखों से दूर रहने का संकल्प लिया. इनके द्वारा कहा गया कि तेज आवाज वाले पटाखों से परहेज करेंगे. अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी इसके लिए जागरूक करेंगे. दीपावली में मिट्टी के दीये जलायेंगे. इसके लिए आस-पास में भी लोगों को जागरूक करेंगे. अपने माता-पिता व अभिभावकों को भी जाकर बतायेंगे कि मिट्टी के दीये जलाने का संकल्प लेना है. साफ सफाई व स्वच्छता के प्रति भी लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे.
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