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Giridih News:कैदियों के परिजनों को फोन पर दुर्घटना की बात कह साइबर ठग मांग रहे पैसे

Giridih News:साइबर अपराधियों ने धोखाधड़ी का अपना तरीका बदलते हुए जेल में बंद कैदियों के परिजनों को निशाना बनाना शुरू किया है. अपराधी अब तक विभिन्न सरकारी योजनाओं का हवाला देकर, डिजिटल अरेस्ट कर, न्यूड कॉलिंग समेत कई अन्य तरीकाें का इस्तेमाल कर साइबर ठगी करते आ रहे हैं.

रहें सतर्क… ये है साइबर धोखाधड़ी का नया तरीका

गिरिडीह केंद्रीय कारा में बंद पांच से अधिक कैदियों के परिजन को आ चुका है फोन

प्रभात खास

साइबर अपराधियों ने धोखाधड़ी का अपना तरीका बदलते हुए जेल में बंद कैदियों के परिजनों को निशाना बनाना शुरू किया है. अपराधी अब तक विभिन्न सरकारी योजनाओं का हवाला देकर, डिजिटल अरेस्ट कर, न्यूड कॉलिंग समेत कई अन्य तरीकाें का इस्तेमाल कर साइबर ठगी करते आ रहे हैं. हाल के दिनों में कुछ ऐसे मामले सामने आये, जिसमें साइबर अपराधियों ने जेल में बंद कैदियों के अचानक दुर्घटनाग्रस्त होने और उनकी तबीयत बिगड़ने का हवाला देकर परिजनों को या तो ठग लिया, या फिर ठगने की कोशिश की. अब तक गिरिडीह केंद्रीय कारा से जुड़े ऐसे पांच से भी ज्यादा मामले प्रकाश में आये हैं. बताया जाता है कि इससे पूर्व भी कुछ लोगों को निशाना बनाया गया था. लेकिन तत्कालीन जेल अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और न ही परिजनों ने पूरी जानकारी जेल प्रशासन को दी थी.

प्रकाश पांडेय के नाम से परिजनों को किया कॉल

एक सप्ताह के भीतर पांच कैदियों के परिजनों को फोन कर साइबर अपराधियों ने ठगी की कोशिश की. इनमें प्रिंस कुमार, संजय राम, विकास वर्मा और घनश्याम दास शामिल हैं. एक महिला कैदी पंपल कुमारी के परिजनों को भी अपराधियों ने निशाना बनाया था. प्रिंस हजारीबाग का रहनेवाला है, जो गिरिडीह जेल में 7 सितंबर, 2024 से बंद है. उसके परिजन को वकील के माध्यम से कॉल कर पैसे की मांग की गयी. प्रिंस की पत्नी स्वीटी कुमारी ने जेल अधीक्षक को इसकी लिखित जानकारी दी है. स्वीटी ने बताया कि उनके वकील दिनेश राणा को मोबाइल नंबर 9026764379 से कॉल कर बताया गया कि प्रिंस को ब्रेन हेमरेज हो गया है, जिस कारण वह गिर गया और पैर फ्रेक्चर हो गया. साथ ही, खून की भी जरूरत है. इसके लिए 7200 रुपये की मांग की गयी. फोन करने वाले ने खुद को जेल का कर्मी प्रकाश पांडेय बताया. महिला झांसे में आकर व्हाट्सएप्प पर भेजे गये स्केनर से दो हजार रुपये डाल दी. और पैसे की मांग की गयी तो स्वीटी ने बोला कि अस्पताल में आकर शेष रकम दे देगी. स्वीटी ने बताया कि जब वह अस्पताल पहुंची और उसी नंबर पर कॉल किया तो मोबाइल बंद मिला. उसने जेल जाकर अपने पति से मुलाकात की. जानकारी मिली कि ऐसी कोई घटना नहीं घटी है.

जेल प्रशासन को दी गयी लिखित जानकारी

साइबर अपराधियों ने जेल में बंद कैदियों के परिजनों को अपना निशाना बनाना शुरू किया है. अब तक साइबर अपराधियों ने जेल में बंद कैदियों के अचानक दुर्घटना होने और उनकी तबीयत अचानक बिगड़ जाने का हवाला देकर परिजनों को ठगने की कोशिश की है. जानकारी के अनुसार पांच कैदियों प्रिंस कुमार, संजय राम, विकास वर्मा व घनश्याम दास से ठगी का प्रयास किया गया है. एक महिला कैदी पंपल कुमारी के परिजनों को भी इसी दौरान साइबर अपराधियों ने अपना निशाना बनाया था. बताया जाता है कि प्रिंस कुमार हजारीबाग का रहने वाला है जो गिरिडीह जेल में सात सितंबर, 2024 से जेल में बंद है. इसके परिजनों को साइबर अपराधियों ने वकील के माध्यम से कॉल करके पैसे की मांग की. इस बाबत प्रिंस की पत्नी स्वीटी ने वास्तविक स्थिति जानने के बाद जेल के अधिकारियों से बातचीत की और फिर जेल प्रशासन को एक लिखित जानकारी भी दी. बताया जाता है कि अन्य कैदियों के परिजनों को भी साइबर अपराधियों ने तरह-तरह का बीमारी बताकर उनके इलाके के लिए पैसे की मांग की थी. सिर्फ स्वीटी कुमारी ने 2000 रुपये भुगतान किया था, जबकि अन्य लोगों ने जेल से वास्तविक स्थिति को पता कर चुप्पी साध ली. कई लोगों को हर्ट अटैक तो कई लोगों को सीढ़ी से गिरकर घायल होने आदि की बात बतायी गयी. जब पूरी बातों की जानकारी जेल अधीक्षक हिमानी प्रिया को मिली तो उन्होंने स्वीटी कुमारी समेत अन्य लोगों को भी संबंधित थाने में या साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का सुझाव दिया.

कैदियों के परिजनों को किया जा रहा है ठगने का प्रयास : हिमानी प्रिया

जेल अधीक्षक हिमानी प्रिया से इस बाबत जब जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि केंद्रीय कारा में बंद कैदियों के परिजनों से ठगने का प्रयास किये जाने की बात सामने आयी है. यह मामला सीधे साइबर अपराध से जुड़ा हुआ है. बताया कि जिस प्रकाश पांडेय का नाम लेकर ठगी की गयी है, उस नाम का कोई भी व्यक्ति गिरिडीह जेल में कर्मचारी के रूप में भी नहीं है. हिमानी ने बताया कि जेल में बंद कैदियों को जागरूक किया जा रहा है और उन्हें बताया जा रहा है कि यदि उनके परिजन संपर्क करते हैं तो वे उन्हें भी जागरूक करें. कहा कि जेल के नोटिस बोर्ड पर भी लोगों को जानकारियां दी गयी है और सावधान रहने की सलाह दी गयी है.

(राकेश सिन्हा, गिरिडीह)

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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