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Rourkela News: आहार योजना पर भी महंगाई का असर, डालमा में सब्जियों की संख्या नौ से घटकर तीन हुई

Rourkela News: गरीबों को सुलभ मूल्य में भोजन उपलब्ध कराने के लिए ओडिशा सरकार ने 2015 में आहार योजना की शुरुआत की थी. लेकिन वर्तमान इस पर महंगाई का असर दिख रहा है.

Rourkela News: खाद्य पदार्थों की आसमान छूती कीमतों का असर आहार केंद्र में पांच रुपये में मिलने वाले डालमा (दाल और सब्जियों को मिलाकर बनने वाला व्यंजन) और भात पर भी पड़ने लगा है. पहले जहां डालमा में नौ तरह की सब्जियां डाली जाती थीं, वह अब महंगाई के कारण तीन पर आकर सिमट गयी हैं. इसमें अब केवल कुम्हड़ा, पपीता व छोटा आलू ही नजर आता है. एक अप्रैल, 2015 को सूबे की तत्कालीन बीजद सरकार ने गरीब कल्याण योजना के तहत पांच रुपये में डालमा-भात गरीब व मजदूर श्रेणी के लोगों को प्रदान करने के लिए आहार योजना की शुरुआत की थी. राज्य के पांच महानगर निगम अंचलों में यह आहार केंद्र खोले गये थे. राउरकेला महानगर निगम अंचल में सेक्टर-2 बस स्टैंड, आरजीएच परिसर, पावर हाउस रोड, राउरकेला बस स्टैंड, सेक्टर-19 में आइजीएच के पास व वेदव्यास मंदिर रोड पर आहार केंद्र खोला गया था. इसकी देखरेख की जिम्मेदारी उस दौरान राउरकेला महानगर निगम को दी गयी थी. उस समय डालमा में नौ तरह की सब्जियों का इस्तेमाल होता था. इसके अलावा ज्यादा मात्रा में डालमा व भात दिया जाता था. जिससे इन आहार केंद्राें में गरीब व मजदूर श्रेणी के लोगों के अलावा आम जनता भी स्वाद लेने पहुंची थी. लेकिन 2022 में इसकी जिम्मेदारी सरकार की ओर से महिला एसएचजी ग्रुप को दे दी गयी. इसके लिए प्रति प्लेट 18 रुपये समेत ग्राहक से मिलने वाले पांच रुपयों को मिलाकर 23 रुपये की रकम प्रदान की जाती है. लेकिन अब बढ़ती महंगाई ने आहार की थाली पर प्रहार करना शुरू कर दिया है. जिससे डालमा-भात की मात्रा कम होने के साथ ही डालमा में पड़नेवाली सब्जियों की संख्या भी कम होती जा रही है.

खाद्यान्न व सब्जियों के दाम बढ़े, आहार केंद्र चलाना हुआ मुश्किल

पावर हाउस रोड में आहार केंद्र का संचालन करने वाली जागृति एसएचजी की अंजना मंडल का कहना है कि वर्तमान सब्जियों की कीमत आसमान छू रही है, जिस कारण डालमा में पड़नेवाली सब्जियां भी कम हाे रही है. आरजीएच में आहार केंद्र चलानेवाली एसएचजी की सुनीता बेहेरा का कहना है कि सब्जियों की कीमत ज्यादा होने के कारण परेशानी हो रही है. आलू जहां 48 रुपये किलो है, वहीं हरी सब्जियां भी काफी महंगी हो गयी हैं. जिससे आहार केंद्र चलाना मुश्किल हो रहा है. छह आहार केंद्राें में भाेजन पहुंचाने की जिम्मेदारी लेने वाली ज्योति एसएचजी की अलीसा पान्ना का कहना था कि जब हमने जिम्मेदारी ली थी, तो चावल प्रति किलो 25 से 30 रुपये था, अब यह 45 रुपये तक पहुंच गया है. साथ ही अरहर दाल प्रति किलो 170 रुपये, कुम्हड़ा प्रति किलो 40 रुपये, बैंगन प्रति किलो 60 से 70 रुपये, गाजर प्रति किलो 50 रुपये, कच्चा केला प्रति किलो 80 रुपये तक पहुंच गया है. अन्य सामान की कीमतें बढ़ने से भी अब परेशानी हो रही है.

फूल गोभी 100, तो टमाटर 80 रुपये किलो बिका

शहर के बाजारों में सब्जियों के ऊंचे भाव अभी भी बरकरार हैं. इससे न केवल लोगों के जेब ढीली हो रही है, बल्कि उपयुक्त मात्रा में पोषण भी नहीं मिल पा रहा है. शहर के दैनिक सब्जी बाजार सेक्टर-19 झारखंड मार्केट तथा ट्रैफिक गेट मार्केट के अलावा छेंड कलिंग विहार के शुक्रवारी साप्ताहिक बाजार में शुक्रवार को भी सब्जियों के भाव बढ़े हुए थे. फूलगोभी 100 रुपये किलो, तो टमाटर 80 रुपये किलो की दर पर बिक रहा था. इसके अलावा अन्य सब्जियों की कीमत भी 50 व 60 रुपये प्रति किलो से कम नहीं थी. परबल 60 रुपये, बरबट्टी 50 रुपये, भिंडी 50 रुपये, लंबी लौकी 25 से 30 रुपये प्रति पीस, गोल लौकी 50 रुपये प्रति पीस और बैंगन 60 रुपये प्रति किलाे की दर पर बिक रहा था.

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