सदर. डीसीइ 2008 बैच की बीटेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) की पूर्व छात्रा व वर्तमान में जीइसी सुपौल में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत पम्मी कुमारी ने अपने माता-पिता के नाम पर एक विशेष पुरस्कार की स्थापना के उद्देश्य से 50 हजार रुपये का अनुदान दिया है. यह पुरस्कार वीरेंद्र मेरिट अवार्ड के नाम से जाना जाएगा. 2025 से हर वर्ष पांच हजार रुपये का नकद पुरस्कार उन छात्रों को प्रदान किया जाएगा, जो मैकेनिकल इंजीनियरिंग में सर्वोच्च सीजीपीए के साथ स्नातक होंगे. मौके पर प्राचार्य प्रो. संदीप तिवारी ने इसके लिए पम्मी कुमारी की पहल पर खुशी जताते हुए कहा कि किसी भी संस्थान के विकास में पूर्व छात्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है. पूर्व छात्रा ने इस योगदान से न केवल संस्थान के विकास में सहयोग किया है, बल्कि वर्तमान छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत भी बनी हैं. मौके पर कॉलेज के पूर्व छात्र विनायक झा ने कहा कि पम्मी की पहल इस परिवार के लिए वास्तव से प्रेरक हैं.
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