बिहार के गोपालगंज जिला के जादोपुर थाने के महज साढ़े तीन सौ मीटर की दूरी पर पुरैना गांव में हुई चाकूबाजी की वारदात ने इलाके में दहशत फैला दी है. एक साथ तीन युवकों को गुरुवार की रात में चाकू मारा गया, जिसके बाद से परिजन लगातार पुलिस से बदमाशों की गिरफ्तारी करने की मांग कर रहें थे. जादोपुर पुलिस और वरीय अधिकारियों ने परिजनों की मांग और वारदात को गंभीरता से नहीं लिया, इससे लोगों में पहले से आक्रोश था.
इधर, शुक्रवार की रात में गोरखपुर में जैसे ही नवादा गम्हरिया गांव के रहनेवाले बिट्टू कुमार की मौत होने की खबर मिली, चोरों तरफ मायूसी छा गयी. शनिवार की सुबह होते ही शव घर पहुंच गया और लोगों ने उग्र होकर थाने पर बवाल शुरू कर दिया. बिट्टू के शव को भी लाकर सड़क को जाम कर दिया गया.
जादोपुर थाने की पुलिस और वरीय अधिकारी लोगों के हंगामा और सड़क जाम को गंभीरता से नहीं लिया. जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गयी, वैसे-वैसे लेागों का आक्रोश भी पुलिस के खिलाफ बढ़ता गया. सुबह के 10 बजते ही आक्रोशित लोगों ने थाने पर धावा बोल दिया और चोरों तरफ से घेराव कर दिया.
जादोपुर थाने का घेराव किये जाने के दौरान बीच-बीच में पुलिस और परिजनों के बीच नोकझोंक होती रही. सड़क पर उतरे परिजन चाकूबाजी की घटना में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी और घटना में लापरवाही बरतने वाले पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे.हालात को बिगड़ते देख मुख्यालय डीएसपी विजय कुमार मिश्र, ट्रैफिक डीएसपी शैलेश कुमार मिश्र, साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी अवंतिका दिलीप कुमार, डीएसपी पूजा प्रसाद, नगर इंस्पेक्टर ओमप्रकाश चौहान समेत पांच थानों की पुलिस बल पहुंच गयी. पर्याप्त संख्या में जवानों को भी बुला लिया गया.
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इधर, परिजन पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े हुए थे. काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में किया और तीन दिनों में हत्या में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी करने का आश्वासन दिया, तब जाकर परिजन शांत हुए और शव को पुलिस कब्जे में ले पायी. सदर अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंपा गया. देर शाम तक घटना में किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी.