आज के समय में लोगों की जो जीवनशैली है उसमें मोटापा आम हो गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह (मोटापा) अकेले नहीं आता. मोटापा अपने साथ विभिन्न प्रकार के हृदय रोगों, टाइप 2 मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल को लेकर आता है और ये हार्ट फेलियर समेत कई गंभीर बीमारियों के लिए जिम्मेदार होता है. हालांकि अपने रहन-सहन के तरीकों में बदलाव करके इससे बचा जा सकता है और कई तरह की गंभीर बीमारियों से खुद को दूर रखा जा सकता है.
वर्ल्ड ओबेसिटी डे पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन
भेरदरी स्थित निंती कार्डियक केयर और श्री नारायण मेडिकल इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल की ओर से शनिवार को वर्ल्ड ओबेसिटी डे (विश्व मोटापा दिवस) के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें डॉक्टर ने मरीजों को मोटापे के कारण होने वाले हृदय संबंधी रोगों के बारे में बताया. इस अवसर पर मोटापे के कारण, निदान और विभिन्न प्रकार के हृदय रोगों से लड़ने के लिए स्वस्थ जीवनशैली के विकास पर विस्तार से चर्चा की गई.
मोटापा हृदय पर डालता है कई तरह से असर
निंती कार्डियक केयर के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. गिरिजा शंकर झा ने मरीजों, उनके परिजनों और चिकित्साकर्मियों को बताया कि मोटापा दिल पर कई तरह से असर डालता है. मोटापा विभिन्न प्रकार के हृदय रोगों, टाइप 2 मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए जिम्मेदार है, जिससे हर्ट फेलियर, कोरोनरी हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. इससे बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना ही बेहतर उपाय है. नियमित रूप से व्यायाम और खानपान में बदलाव से इससे निजात पाया जा सकता है.
मोटापा है हर्ट फेलियर का कारण
निंती कार्डियक केयर के ही डा गंगेश और डॉ संदीप ने लोगों को बताया कि अक्सर दिल के दौरे की मुख्य वजह उच्च रक्तचाप (High blood pressure) मानी जाती है, लेकिन हाल ही में हुए शोध ने इस धारणा को चुनौती दी है. अमेरिकी वैज्ञानिकों के अनुसार पिछले 20 वर्षों में मोटापे और मधुमेह (Obesity and Diabetes) के कारण हार्ट फेलियर (Heart failure) के मामले तेजी से बढ़े हैं. मोटापे की वजह से धमनियों में वसायुक्त पदार्थ जमा हो सकते हैं. इसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं. इससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है. इस मौके पर निंती कार्डियक केयर के फैसिलिटी हेड सुरेंद्र नाथ झा सहित सभी चिकित्साकर्मी मौजूद रहे.