Patna News: पटना के अथमलगोला अंचल में निर्माणाधीन बहुप्रतीक्षित करजान-ताजपुर पुल का निर्माण कार्य एक बार फिर किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर रोक दिया. शनिवार को सैकड़ों किसान निर्माण स्थल पर जमा हो गए और अपना हक मांगते नजर आए. किसानों की मांग है कि नवयुग पुल प्रबंधन अधिग्रहित जमीन का मुआवजा दे और उसके बाद ही निर्माण कार्य शुरू करे. प्रभावित किसानों ने कहा कि आजीविका का मुख्य साधन जमीन छीन ली गई है और मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है. पुल प्रबंधन ने कहा है कि मुआवजे को लेकर वे स्थानीय प्रशासन से बात करेंगे.
दर्जनों किसानों के मुआवजे का फंसा पैसा
स्थानीय मुखिया अरविंद कुमार ने बताया कि पुल प्रबंधन के टालमटोल रवैये के कारण किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसान सुबोध सिंह ने कहा कि किसानों के मुआवजे के मांग की पूर्ति करें और निर्माण कार्य आगे बढ़ाएं. किसान इंदु भूषण सिंह उर्फ गब्बर सिंह ने कहा कि दर्जनों किसानों के मुआवजे का पैसा फंसा हुआ है. जिन किसानों के लिए जमीन ही मुख्य जीवन आधार था उनकी परेशानी बढ़ी हुई है. इसीलिए तत्काल किसानों को राशि मुहैया कराने की दिशा में पुल प्रबंधन को कदम उठाना चाहिए.
स्थानीय प्रशासन के निर्देश अनुरूप होगा कार्य
इस संबंध में मिडिया से बात करते हुए नवयुगा निर्माण कम्पनी के प्रबंधक जोसफ ने बताया कि मुआवजे की मांग को लेकर किसानों द्वारा निर्माण कार्य रोकने की जानकारी मिली है, जिसके लिए अंचलाधिकारी से बात की जा रही है. स्थानीय प्रशासन द्वारा जो निर्देश दिया जाएगा उसके अनुरूप आगे निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.
168 किसानों का दस्तावेज भेजा गया कार्यालय
अंचलाधिकारी अर्पणा कुमारी ने बताया कि किसानों द्वारा कार्य बाधित किए जाने की जानकारी मिली है. कई वर्षों से लंबित करीब 168 किसानों का मुआवजा से संबंधित दस्तावेज तैयार करके जिला कार्यालय भेज दिया गया है और राशि मुहैया कराने के लिए प्रक्रिया जारी है. जल्द ही मामले का निबटारा कर दिया जाएगा. फिलहाल अनुमंडल एवं जिला स्तर के वरीय अधिकारियों को वर्तमान स्थिति से अवगत करा दिया गया है. वरीय अधिकारियों के निर्देशालोक में आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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2026 तक पुल का निर्माण पूरा होने का अनुमान
नवयुगा कंस्ट्रशन कंपनी द्वारा निर्माणाधीन करजान ताजपुर पुल नए निर्धारित समय सीमा के अनुसार 2026 में बनकर तैयार होने का अनुमान है. 5.5 किलोमीटर लंबाई में इस पुल का निर्माण हो रहा है. इस पुल को 2016 में ही एजेंसी को पूरा करना था, लेकिन पुल प्रबंधन ने निर्माण कार्य 2018 के बाद पैसे की तंगी के कारण ठप कर रखा है. अब तक लगभग 272 पिलरों का जमीनी काम हो चुका है. 1602.74 करोड़ लागत की इस परियोजना में 917.74 करोड़ एजेंसी नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को इन्वेस्ट करना था और 277.50 करोड़ केंद्र सरकार इसमें मदद कर रही है. वहीं 307.50 करोड़ बिहार सरकार दे रही है. पुल का निर्माण हैदराबाद की कंपनी कर रही है.