Samastipur News: Mango and Shahi Litchi saplings distributed among farmers पूसा : डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के अधीनस्थ कृषि विज्ञान केंद्र सुखैत के तत्वावधान में आईसीएआर-राष्ट्रीय पादप जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईपीबी) के वैज्ञानिकों ने किसानों को वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों के लिए प्रेरित किया. किसानों के बीच आम, शाही लीची तथा किट बैग का वितरण किया गया. आईसीएआर-एनआईपीबी, नई दिल्ली द्वारा 25 अक्टूबर 2024 को बिहार के मधुबनी के रामपट्टी में अनुसूचित जाति उपयोजना (एससीएसपी) योजना के तहत किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. यह कार्यक्रम डॉ. नवीन सी गुप्ता और टीम के सदस्य डॉ. कनिका कुमार और साकेत ठाकुर के नेतृत्व में आयोजित किया गया. कार्यक्रम में 300 से अधिक महिला किसानों सहित आठ सौ से अधिक किसान सक्रिय रूप से शामिल हुये. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पंचायत अधिकारियों, केवीके के वैज्ञानिकों और मधुबनी जिले भर के प्रगतिशील किसानों की सक्रिय भागीदारी से सफलतापूर्वक पूरा हुआ. उन्हें नये उपकरणों और तकनीकों को अपनाने के साथ कृषि विकास पर जोर दिया गया. कार्यक्रम के दौरान डॉ. नवीन सी गुप्ता ने किसानों को उन्नत कृषि पद्धतियों को अपनाने के बारे में सुझाव दिये गये. खासकर तिलहन-ब्रासिका के क्षेत्र में, किस्मों, रोगों और उपचार के बारे में विस्तार से बताया गया.
Samastipur News: Mango and Shahi Litchi saplings distributed among farmers:महिला किसानों का ध्यान उनके स्वास्थ्य और पोषण के बारे में आकर्षित किया
डॉ. कनिका कुमार ने महिला किसानों का ध्यान उनके स्वास्थ्य और पोषण के बारे में आकर्षित किया और गेहूं की नई किस्मों और अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की खरीद प्रक्रिया से भी किसानों को अवगत कराया. केवीके के वैज्ञानिक सौरभ चौधरी और जोगेंद्र सोरेन ने केवीके की योजनाओं, गतिविधियों, फसल प्रणाली, मिट्टी परीक्षण सुविधाओं, उपज में सुधार के लिए अच्छी कृषि पद्धतियों और अपने उत्पाद के लिए बाजार पाने के बारे में विस्तार से बताया. किसानों को किट बैग के साथ आम और लीची के पौधे दिए गए. मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, बागवानी, एफपीओ, जैविक खेती, वर्मीकम्पोस्ट, सब्जी उत्पादन आदि विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ प्रगतिशील किसानों के साथ-साथ स्थानीय किसान पंचायत पदाधिकारी अरुण चौधरी, आमोद, अमेरिका देवी, राम सुंदर महतो, आद्या प्रसाद आदि के सक्रिय सहयोग एवं भागीदारी से यह कार्यक्रम सफल हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है