Dhanteras 2024: धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. यह शब्द दो भागों से मिलकर बना है – धन और तेरस. ‘धन’ का अर्थ है संपत्ति और समृद्धि, जबकि ‘तेरस’ का अर्थ है हिंदू कैलेंडर की 13वीं तिथि. इस दिन को धन्वंतरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है यानी पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है.
धनतेरस को और किस नाम से जानते हैं ?
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को ‘धनतेरस’ के रूप में जाना जाता है, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है. इस दिन यमराज की कृपा प्राप्त करने के लिए दीप जलाने की परंपरा है. पद्म पुराण के उत्तरखंड अध्याय 124 के अनुसार, इस दिन घर के बाहर यमराज के लिए दीपक रखना चाहिए, जिससे अकाल मृत्यु का नाश होता है. दीप जलाते समय विशेष मंत्र का उच्चारण करना चाहिए.
धनतेरस का महत्व
भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य को धन से अधिक महत्वपूर्ण माना गया है. यह कहावत आज भी प्रचलित है कि ‘पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया’. इसलिए दीपावली के अवसर पर सबसे पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है, जो भारतीय परंपरा के अनुसार अत्यंत उपयुक्त है.
शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी अमृत कलश के साथ प्रकट हुए. मान्यता है कि भगवान धनवंतरी भगवान विष्णु के अवतार हैं. चिकित्सा विज्ञान के विकास और प्रसार के लिए भगवान विष्णु ने धनवंतरी का अवतार लिया था. भगवान धनवंतरी के प्रकट होने के उपलक्ष्य में धनतेरस का पर्व मनाया जाता है.
धनतेरस में लोग जरूर करते हैं ये काम
इस दिन विशेष रूप से अपने सामर्थ्य के अनुसार चांदी और अन्य धातुओं की खरीदारी करना अत्यंत लाभकारी रहेगा. धन और संपत्ति की प्राप्ति के लिए घर के पूजा स्थल पर कुबेर देवता के लिए दीप जलाना चाहिए, साथ ही मुख्य द्वार पर यमराज के लिए भी दीप जलाना आवश्यक है.